हरदोई/रितेश मिश्रा। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व जिला प्रशासन द्वारा की जा रही सोशल डिस्टेन्सिग की अपील की धज्जियां शाहाबाद नगर स्थित बैंकों मे उडायी जा रही है। बैंकों के बाहर खाताधारकों की उमडती भीड देखकर तो ऐसा लगता है कि इस नगर मे कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का कोई खौफ ही न हो। सुबह उजाले के साथ अपना नम्बर लगवाने के चक्कर मे खाता धारक बैकों के बाहर हजारों की संख्या मै इकट्ठा हो जाते है।जिसमे महिलाओं की भी बडी संख्या होती है। यह भीड़ सोशल डिस्टेन्सिग के सारे मानक तोडकर बैंक के अन्दर घुसने के प्रयास मे एक दूसरे के ऊपर चढे रहते है। नगर के मोहल्ला चौक स्थित बैंक आफ इण्डिया का सोसल डिस्टेन्सिग तोडऩे का रेटिंग कराया जाय तो शायद यह बैंक अन्य बैको की तुलना मे सबसे अव्वल निकलगी।
यह हाल केवल इसी बैक का नही है नगर मे स्थित स्टेट बैंक, बैंक आफ बडौदा, आर्यावर्त ग्रामीण बैंक, कार्पोरेशन बैंक, सेन्ट्रल बैक समेत सभी बैको पर भारी भीड़ जमा होती है। जहाँ प्रशासन व सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी की धज्जियां बैंक मैनेजरों द्वारा जम कर उडायी जा रही है। बैंक खाता धारकों के कार्य को त्वरित रूप से निपटाने मे बैंक प्रशासन द्वारा कोई ध्यान न दिया जाना भी भीड इकट्ठा होने मे सहायक सिद्ध हो रहा है।
यदि ग्राहकों की सेवा को सर्वोच्च स्थान देकर बैंक मैनेजमेंट द्वारा अलग से काउंटर खोलकर सेवाओं को शुरू किया जाय तो शायद भीड न के बराबर हो सकती है।लेकिन वैश्विक महामारी की चैन तोडऩे के बजाय बैंक मैनेजमेंट इस कडी को जोडकर समाज को बरबाद करने की चेष्टा जैसी करता नजर आ रहा है। सबसे मजे की बात तो यह है कि जागरूकता के अभाव मे बैंकों पर उमडते ग्रामीण बिना मास्क बिना मुंह ढके ही भीड का हिस्सा बने हुये है।
वहीं तहसील प्रशासन व पुलिस प्रशासन भी यह सब देखकर मूकदर्शक बना हुआ है। जबकि कोविड 19 के मामले मे शाहाबाद नगर के कई मुहल्ले कन्टेनमेन्ट जोन रहे है। ऐसे मे इस भीड पर तत्काल अंकुश न लगाया गया तो शाहाबाद नगर समेत ग्रामीण क्षेत्रो मे भी कोरोना जैसी वैश्विक महामारी विकराल रूप धारण कर सकती है।