उरई/जालौन। ग्राम पंचायतों को कोरोना महामारी की रोकथाम हेतु अलग से कोई भी फंड राज्य या केंद्र सरकार से नहीं मिला है और न ही घर घर मास्क, सेनेटाइजर और बाल्टी आदि बांटने का भी कोई निर्देश पंचायतों को दिया गया है। इससे जुड़ी पैसा मिलने की खबरें मात्र अफवाह हैं और ऐसा करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। यह बात अखिल भारतीय प्रधान संगठन के झांसी मंडल अध्यक्ष अमित इतिहास और राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष अजय दीक्षित ने वार्ता के दौरान कही।
अमित इतिहास ने बताया कि इस समय सोशल मीडिया में कुछ अखबारों के स्क्रीन शाट और पोस्ट आदि डाले जा रहे हैं जिनमें यह बताया जा रहा है कि ग्राम प्रधानों को कोरोना की रोकथाम हेतु नौ लाख दस हजार रुपए दिए गए हैं। पोस्ट में सेनेटाइजर, मास्क, साबुन, बाल्टी, मग आदि दिखाकर यह बताया जा रहा है ग्राम प्रधान सारा पैसा डकार गए और लोगों को कुछ नहीं बांटा। इससे प्रधानों की छवि को धक्का पहुंचा है और चुनावी वर्ष होने के कारण ग्रामों में प्रधानों के विरोधियों को दुष्प्रचार करने का एक गलत मुद्दा भी मिल गया है।
अमित इतिहास और अजय दीक्षित ने बताया कि ग्राम पंचायतों को कोरोना महामारी रोकथाम हेतु अलग से राज्य या केंद्र सरकार द्वारा एक रुपए भी नहीं दिया गया है। पंचायतें इस संबंध में अपनी क्षमता व आवश्यकता अनुसार श्रमिकों, क्वारंटीन व्यक्तियों को मास्क या स्थलों को सेनेटाइज करने आदि का कार्य अपनी ग्राम निधि से ही पांच दस या बीस हजार तक कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि इस तरह की फर्जी और बिना तथ्यों की पोस्ट डालने वालों का डेटा एकत्रित किया जा रहा है। ऐसी पोस्ट डालने वालों की फेसबुक आईडी से उनकी डिटेल और स्क्रीन शाट लिए जा रहे हैं। शीघ्र ही इन सबके विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई कराने के लिए उच्चाधिकारियों से मिला जाएगा।
कोरोना महामारी के दौरान ग्राम पंचायतें रात दिन एक करके शासन प्रशासन के साथ खड़ी हैं। हर तरह से समर्पित भाव से कार्य कर रही हैं। ऐसे में इस राष्ट्रीय आपदा के समय अफवाह फैलाकर प्रधानों का मानसिक उत्पीडऩ करना। उनके खिलाफ माहौल बनाना और उनकी छवि को धूमिल करने वालों का यह कृत्य किसी भी स्थिति में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इन पर हर हाल में कार्रवाई कराई जाएगी। इस दौरान हेमंत कुशवाहा भी उपस्थित रहे।