झाँसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति राज्य विश्वविद्यालय होने के बावजूद जिस प्रकार पाठ्यक्रमों की फीस वृद्धि किए हैं। इस वैश्विक महामारी के दौर में उसे देखते हुए प्रत्तीत होता है कि कुलपति संवेदनहीन हैं। एक महीने से फीस वृद्धि के खिलाफ तमाम तरीके से विरोध जताने के बाद आज एनएसयूआई ने आज प्रदेशव्यापी कार्यक्रम में कुलपति के मानचित्र पर स्याही पोती।
बुन्देलखण्ड के 7 जिलों में जिसमें झांसी, ललितपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर और जालौन सभी जिलों में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने बुन्देलखण्ड प्रदेश अध्यक्ष नफीस मकरानी के आव्हान पर अपने घरों के बाहर खड़े होकर कुलपति के विरोध में नारेबाजी भी किए।
प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक प्रताप ने बताया कि इसके पहले 6 मई से एनएसयूआई फीस वृद्धि का विरोध कर रही है। अब तक 100 से ज्यादा ज्ञापन पूरे प्रदेश से राज्यपाल महोदया और कुलसचिव को मेल किया जा चुका है। सोशल मीडिया पर एनएसयूआई ने हस्ताक्षर अभियान चला रखा है। साथ ही ट्विटर पर #BU_Fee_Hike से ट्रेंड भी चलाया था। जिसके समर्थन में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से बुन्देलखण्ड के छात्र छात्रों के समर्थन में ट्वीट भी किया गया। यह पहली बार था जब किसी राजनीतिक दल ने छात्रों के मुद्दे पर खुल कर प्रतिक्रिया दी।
प्रदेश महासचिव जीशान ने बताया अगर कुलपति अपना निर्णय वापस नहीं लेते हैं तो एनएसयूआई पूरे प्रदेश में कुलपति का पुतला दहन भी करेगी। साथ ही विश्वविद्यालय खुलते ही बड़ा छात्र आंदोलन करेगी। झांसी से इकाई अध्यक्ष अभिषेक दादू, आकाश पाराशर, सुमित दांगी, आनंद सेन, कार्तिक वर्मा, सिद्धार्थ देव, मयंक कपूर, अनूप सिंह और अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे।