कोंच/जालौन। कई दिन बाद एक बार फिर कोरोना ने कोंच की तरफ रुख कर दिया है, सोमवार को तहसील क्षेत्र में दो कोरोना पॉजिटिव मामले आए हैं जिनमें एक कस्बे का कपड़ा व्यवसायी तथा दूसरी नदीगांव विकास खंड के ग्राम तजपुरा की एक तीन साल की बच्ची है। कपड़ा व्यवसायी पिछले दिनों पॉजिटिव निकले वर्तन व्यवसायी की कांटेक्ट ट्रेसिंग में निकल कर आया है जबकि तजपुरा की बच्ची अपनी ननिहाल जालौन से संक्रमित बताई जा रही है। सीएचसी नदीगांव प्रभारी डॉ. देवेन्द्र भिटौरिया ने बताया है कि उक्त बच्ची पिछले दो महीने से ननिहाल में ही है और अभी भी वहीं है जिसके चलते तजपुरा को कंटेनमेंट जोन से मुक्त रखा गया है। इधर, कस्बे के जवाहर नगर में वर्तन व्यवसायी के पॉजिटिव निकलने के बाद पिछले दिनों बनाए गए कंटेनमेंट जोन को विस्तार देकर तिलक नगर के उस इलाके जिसमें कपड़ा व्यवसायी संक्रमित निकला है, को भी इसी में जोड़ दिया गया है।
महज 16 लोगों ने ही दिए सैंपल –
प्रशासन की तमाम कवायद के बाबजूद भी लोगों का रुझान कोविड टेस्टिंग की ओर नहीं दिखाई दिया जिसके चलते सीएचसी में पहुंची मोबाइल कोविड-19 टेस्टिंग वैन द्वारा सोमवार को मात्र 16 सैंपल ही लिए जा सके। सीएचसी प्रभारी डॉ. आरके शुक्ला की देखरेख में स्वास्थ्य कर्मी पुरुषोत्तम मिश्रा, जितेन्द्र, प्रदीप अग्रवाल, रजनीश कुमार, सुमित निरंजन, नीरजकुमार, अजय झा, मैत्रेय प्रभाकर, पवनकुमार, राजेश निरंजन आदि सैंपलिंग में लगे रहे। एसडीएम अशोक कुमार की पहल पर तीन दिन के लिए टेस्टिंग वैन को कोंच में लगाया गया था लेकिन इसके आशानुरूप परिणाम तो नहीं ही मिले हैं, जबकि प्रशासन की ओर से सार्वजनिक रूप से यह अनाउंसमेंट किया गया था कि पचपन साल से ऊपर के ऐसे लोग जो कैंसर, मधुमेह, हाइपरटेंशन या इसी तरह की अन्य किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं तो वे अपना कोविड टेस्ट जरूर करा लें, लेकिन इस अपील का लोगों पर बहुत ज्यादा असर नहीं हुआ है। एसडीएम ने इस स्थिति को निराशाजनक बताते हुए कहा है कि अभी लोग कोविड की गंभीरता को काफी हल्के में ले रहे हैं लेकिन बाद में इसके दूरगामी परिणाम काफी खतरनाक भी हो सकते हैं।