अलग राज्य निर्माण के लिए यह लड़ाई स्वयं ही लड़नी पड़ेगी : राजा बुन्देला
पृथक बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण को लेकर राजा बुन्देला ने छात्र छात्राओं से की मुलाकात, माँगा समर्थन
कालपी। पृथक बुन्देलखण्ड के निर्माण को लेकर पदयात्रा कर रहे राजा बुन्देला ने छात्र छात्राओं से भी मुलाकात की और आंदोलन में समर्थन माँगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब अलग राज्य निर्माण के लिए कोई महात्मा गांधी नहीं आएगा बल्कि यह लडाई उन्हें खुद लड़नी पड़ेगी।
पृथक बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण के लिए सिने अभिनेता राजा बुन्देला द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान नही है बल्कि इसकी मांग को लेकर वर्ष 1989 में बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा का गठन हुआ था जिसकी कमान शंकरलाल मल्होत्रा को सौंपी गयी थी और उन्होंने इसके लिए काफी संघर्ष भी किया था मध्य प्रदेश विधान सभा के साथ लोकसभा में भी उनके द्वारा पर्चे फेंके गये थे लेकिन आंदोलन परवान चढ़ता कि उससे पहले 1996 में उन्होंने विधान सभा चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हे महज 2800 मत प्राप्त हुए है जिसके बाद मोर्चे में मतभेद हो गये थे और रही सही आन्दोलन की कमर 2012 मे टूट गयी थी जब राजा बुन्देला ने बुन्देलखण्ड कांग्रेस के बैनर पर विधान सभा चुनाव लडा था और उन्हे महज 1789 मत मिले थे और इसी के साथ पृथक बुन्देलखण्ड का आन्दोलन लगभग खत्म हो गया था लेकिन अब राजा बुन्देला ने फिर से इस आंदोलन में जान फूंकने की कोशिश की है और बस जनसमर्थन के लिए गाँव गाँव पदयात्रा कर रहे है और मँगलवार को यह यात्रा कालपी नगर आई थी जँहा पर उन्होने जनता से आन्दोलन मे भागीदारी करने की अपील कर नगर मे पैदल मार्च भी किया था। वही इस दौरान उन्होंने एमएसवी इण्टर कालेज जाकर छात्र छात्राओं से भी मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने जानकारी देते हुए बताया था कि 1 नवम्बर 1956 को बुन्देलखण्ड का वजूद खत्म कर दिया गया था और तभी से खनिज सम्पदा से भरपूर यह क्षेत्र विकास की दौड़ में पीछे रह गया है और जब तक पृथक राज्य नही बन जाता तब तक विकास संभव नहीं है। इस कार्यक्रम में एमएसवी इंटर कॉलेज के प्रबंधक डॉक्टर नरेश मैहर, ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष राजू पाठक, सज्जन त्रिपाठी, नरेन्द्र तिवारी, कीरतपुर प्रधान पवनदीप निषाद, रामप्रताप सेंगर, महेन्द्र गौतम, सोनू सिह नादई, कोमल सिंह, विनय महेवा सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।