उत्तर प्रदेशजालौनटॉप हेडलाइंसबड़ी खबर

न्यायिक अधिकारियों ने जनपद में संचालित दो शेल्टर होम का किया निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान मिली फटी चादरें, जमा कचड़ा एवं अत्यधिक गन्दगी

उरई। माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार न्यायिक अधिकारियों ने जिले में संचालित दो शेल्टर होम राठ रोड में संचालित ‘‘वृद्धाश्रम‘‘ एवं मु0 लहरियापुरवा स्थित ‘‘आश्रय-गृह‘‘ का औचक निरीक्षण किया। यहां उन्होंने बहुत बारीकी से व्यवस्थाओं को परखा और आवश्यक दिशा-निर्देश भी कर्मचारीगण को दिये। न्यायिक अधिकारियों ने उक्त दोनों आश्रय स्थलों में रह रहे आश्रितों के रहन-सहन, खानपान, चिकित्सा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा और बुनियादी व्यवस्थाओं को जांचा-परखा।

समाज कल्याण विभाग द्वारा राठ रोड उरई में स्वैच्छिक संस्था शिवा ग्रामोत्थान सेवा संस्था, एफ-473 गुजैनी रतनलाल नगर, कानपुर नगर के सहयोग से संचालित वृद्धाश्रम में निरीक्षण के दौरान 114 संवासी उपस्थित मिले। उपस्थित पंजिका के अनुसार 3 कर्मचारियों को छोड़कर अन्य सभी कर्मचारी उपस्थित मिले। वृद्धाश्रम की संवासियों से पूछा गया कि उन्हे चाय-नाश्ता और सुबह-शाम का भोजन समय से मिल रहा है या नहीं इस पर संवासियों द्वारा मैन्यू के अनुसार भोजन मिलना बताया गया। इस सम्बन्ध में मैन्यू चार्ट को क्रॉस चेक भी किया गया। वृद्धाश्रम की मेडिकल डिस्पेंसरी का निरीक्षण करने पर स्टाफ नर्स उपस्थित नहीं थीं। संवासियों की चिकित्सा/प्राथमिक उपचार हेतु डिस्पेंसरी में आवश्यक दवाएं मिली। नगर पालिका परिषद उरई जनपद जालौन के सहयोग से मु0 लहरियापुरवा में लखनऊ के एक एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह (शेल्टर होम) में न्यायिक अधिकारियों ने विभिन्न बिन्दुओं पर जांच-पड़़ताल की। निरीक्षण समय मौके पर प्रबन्धक व केयर टेकर उपस्थित नहीं मिले। यहां के कमरों का निरीक्षण करने पर स्थित पूर्वत पायी गयी, अत्यधिक गन्दगी मिली एवं चादर फटे मिले, प्रथम तल का निरीक्षण करने पर कई जगह कचड़े का ढेर लगा मिला।

इसके उपरान्त जिला कारागार उरई का मासिक भ्रमण किया। उन्होंने विभिन्न बैरकों का भ्रमण किया और वहां निरुद्ध बंदियों से पूछ-तांछ करते हुए उनकी समस्याओं को जाना समझा तथा जेल प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस मौके पर मा0 प्रभारी जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री शिवकुमार द्वितीय, सचिव/अपर जिला जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजीव सरन, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री अभिषेक खरे एवं जेल प्रशासन के अधिकारीगण मौजूद थे। निरीक्षण में माननीय जिला जज महोदय ने बन्दियों के मुकदमों की पैरवी, उनको दी जाने वाली विधिक सहायता/सलाह और महिला बन्दी व उनके साथ रह रहे बच्चों की चिकित्सा व खान-पान इत्यादि के बारे में जाना-परखा। उन्होंने कई बन्दियों से अलग-अलग जानकारी ली एवं जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि कोई भी ऐसा बन्दी जिसका निजी अधिवक्ता न हो अथवा विधिवत ढंग से न्यायालयों में पैरवी न हो पा रही हो, को विधिक सहायता दिलाये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।

यदि किसी विचाराधीन बंदी को पैरवी हेतु सरकारी खर्चे पर अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो सम्बन्धित न्यायालय में बंदी की ओर से प्रार्थना पत्र दिलवाया जाना सुनिश्चित करें ताकि लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल सिस्टम की सुविधा उपलब्ध हो सके। इसी प्रकार जो बंदी दोषसिद्ध हो चुके हैं, की अपील न हो पाने की स्थिति में नियमानुसार जेल अपील करायी जाये। इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से आवश्यक समन्वय बनाकर ऐसे प्रकरणों का निर्धारित समयावधि में निस्तारण किया जाये ताकि अपील की मियाद समाप्त न होने पाये। जेल अपील कराये जाने में यदि कोई विधिक समस्या आ रही है तो उसको सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संज्ञान में लाते हुये द्वारा उचित माध्यम माननीय उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति से यथा आवश्यक पत्राचार किया जाये। इस अवसर पर जेल अधीक्षक श्री नीरज देव, कारापाल श्री प्रदीप कुमार, कारागार चिकित्साधिकारी डॉ0 राहुल बर्मन, उप कारापाल श्री अमर सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालौन कार्यालय लिपिक श्री शुभम् शुक्ला उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button