डॉ० भीमराव अम्बेडकर की 133वीं जयंती के अवसर पर एक संगोष्ठी का किया गया आयोजन

उरई। दिन रविवार 14 अप्रैल को भारत रत्न बोधिसत्व डॉ. भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती के शुभ अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उरई द्वारा दयानंद वैदिक कॉलेज में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम औपचारिक शुभारंभ मुख्य अतिथि उरई सदर विधायक माननीय गौरीशंकर वर्मा, कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर राजेश चंद्र पांडेय, मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. गौरव यादव, मुख्य वक्ता डॉ. नमो नारायण और अभाविप नगर अध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र यादव के द्वारा मां सरस्वती, सामाजिक न्याय के पुरोधा बाबा साहब अम्बेडकर, युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद के चित्रों पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ। प्राचार्य प्रोफेसर राजेश चंद्र पांडेय जी ने बाबा साहब को सबका प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर सबके नेता थे है और रहेंगे। उन्हें किसी जाति विशेष का नेता कहने से उनके व्यक्तित्व को छोटा करना है। मुख्य अतिथि सदर विधायक माननीय गौरी शंकर वर्मा जी ने डॉ. अम्बेडकर जी के जीवन को प्रत्येक छात्र के लिए अनुकरणीय बताया। उन्होंने बताया कि उनका व्यक्तित्व विपरीत से विपरीत परिस्थिति में अपने अधिकारों के लिए लड़ना सिखाया है।
अभाविप उरई विभाग के विभाग प्रमुख मुख्य वक्ता डॉ. नमो नारायण जी ने अम्बेडकर जी के जीवन में प्रकाश डालते हुए सभी विद्यार्थियों से उनके बारे में पढ़ने को कहा। उन्होंने बताया कि डॉ. अंबेडकर जी के पास 64 विषयों में मास्टर डिग्री, तीन विषयों में पीएचडी और 11 भाषाओं के जानकार थे। डॉ. अंबेडकर जी के व्यक्तिगत पुस्तकालय में 50 हजार से अधिक पुस्तकें थी और वह उस समय की सबसे बड़ी व्यक्तिगत लाइब्रेरी थी। उन्होंने समाज में सबकी बराबरी के लिए जिस सामाजिक क्रांति की अलख जगाई उसी से समाज, राष्ट्र राज्य का निर्माण हो सकेगा और संविधान में यह पूरी तरह से परिलक्षित होता है।
इस अवसर पर डीवीसी के अनुशासन अधिकारी गौरव यादव, एबीवीपी नगर अध्यक्ष सुरेंद्र यादव, प्रांत सहमंत्री चित्रांशू, विभाग समिति सदस्य अभय दुबे, जिला सह संयोजक शशांक चंदेल, नगर मंत्री दीपक उपाध्याय, नगर सहमंत्री अमन बुधौलिया, नितिन तिवारी के साथ अन्य छात्र छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन एमएड छात्रा सेजल और शिक्षा ने किया।