पंचनद स्नान मेला के लिए ग्रामीणों का उत्साह चरम पर
– प्रशासन व पुलिस ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
जगम्मनपुर (जालौन) देश के अद्भुत संगम पंचनद पुण्य तीर्थ पर स्नान करने की वार्षिक तिथि निकट आते ही क्षेत्रीय लोगों में अजीब उत्साह देखने को मिल रहा है।
बुंदेलखंड की वीर भूमि के उत्तर पश्चिम के अंतिम छोर पर पंचनद का यह पवित्र स्थल पांच नदियां यमुना, चंबल, सिंधु, कुवांरी, पहूज का संगम तीर्थ है। यहां भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र प्राप्त होने से इसे सुदर्शन तीर्थ भी कहते है। प्रतिवर्ष कार्तिक की पूर्णिमा पर यहां लाखों श्रद्धालु पंचनद के पवित्र जल में डुबकी लगाकर तट पर बने तपोनिष्ठ सिद्ध संत श्री मुकुंदवन जी (बाबा साहब) महाराज के दर्शन करके अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं। मान्यता है कि पंचनद के जल में स्नान करके दीपदान करने वाले को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता एवं पंचनद तट की पवित्र मिट्टी घर पर रखने एवं विपत्ति काल में उसी पावन मिट्टी का तिलक लगाने अथवा मस्तक पर धारण करके पंचनद तीर्थ व वहां के सिद्ध संतों का स्मरण करने से बड़े से बड़ी विपत्ति का शमन हो जाता है। वैदिक काल से अब तक हजारों वर्ष व्यतीत हो जाने क बावजूद एवं डाकुओं के आतंक का केंद्र बिंदु रहने पर भी पंचनद का महत्व कभी कम नहीं हुआ। आस पास के दर्जनों जनपदों के वाशिंदे प्रति वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर यहां आकर यमुना आरती करके पंचनद के जल में स्नान करते हैं।
इस वर्ष कार्तिक की पूर्णिमा 19 नवंबर की होने पर 18 नवंबर की शाम 6 बजे पंचनद पर यमुना जी की महा आरती होने के उपरांत मध्यरात्रि 12 बजे से स्नान प्रारंभ हो जाएगा। सर्वप्रथम मध्य रात्रि 12 बजे देश भर से आए हजारों संत स्नान करेंगे तदोपरांत आम लोग स्नान करने लगते हैं। प्रातः 4 बजे पचंनद के मिश्रित जल में पांचों नदियों की अलग अलग धाराएं विभिन्न रंगों की दिखाई देती है जो अपने आप में अविश्वसनीय एवं अद्भुत है। जिला प्रशासन ने पंचनद पर सुरक्षित सुविधा जनक स्नान के लिए ग्राम पंचायत भिटौरा के प्रधान के सहयोग से उचित प्रबंध किए हैं एवं पुलिस प्रशासन की ओर से पुलिस अधीक्षक जालौन ने स्नान पर्व व सात दिवसीय मेला पर सुरक्षा के प्रबंध को लेकर श्री बाबा साहब मंदिर प्रबंध समिति के लोगों के साथ बैठकर व्यवस्था पर चर्चा की व थानाध्यक्ष रामपुरा को स्नान मेला पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया।
वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मेला के महत्व एवं भीड़ की संभावना पर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। जगम्मनपुर से पंचनद तक सड़क बुरी तरह से खराब है, रास्ते में एक नाला जहां लगातार पानी बह रहा है वहां मिट्टी डालकर रास्ते के उस हिस्से को दलदली बना दिया है जिससे आवागमन बाधित हो रहा है। 17 नवंबर से जब मेला के वाहनों की संख्या बढ़ेगी उस समय यह रास्ता पूरी तरह बंद होने की संभावना है उस समय प्रशासन के लिए संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।