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मजदूरों की जगह जेसीबी से काम में फंसे तकनीकी सहायक, सचिव व प्रधान
– मामला हरदोई राजा ग्राम पंचायत के गोकुलपुरा मजरे का
उरई/जालौन। केंद्र तथा प्रदेश सरकार मनरेगा योजना के तहत ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करा रही है जिसके लिए मानीटरिंग भी हो रही है। मनरेगा के किसी भी काम में मशीनों से कार्य कराया जाना पूर्णतया वर्जित है लेकिन शासन की मंशा को जिले के अधिकारी पलीता लगा रहे हैं।
हालात तो यह हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाला हर कार्य आधुनिक मशीनों से कराया जा रहा है जिसके कारण ग्रामीणों को सौ दिन का रोजगार देने जाने की सरकार की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। कुछ एेसा ही नजारा जालौन ब्लाक के ग्राम हरदोई राजा के गोकुलपुरा मजरा में देखने को मिला जहां पर मनरेगा के तहत तालाब की खुदाई का कार्य कराया जा रहा था लेकिन यहां भी जाब कार्ड धारकों को दरकिनार कर जेसीबी मशीन से खुदाई का कार्य कराया गया जिसकी भनक मुख्य विकास अधिकारी को मिली।
मौके पर पहुंचे मुख्य विकास अधिकारी ने पूरे काम को श्रमदान घोषित कर दिया और संबंधित लोगों से जो भुगतान हुआ है उसकी रिकवरी व एफआईआर के आदेश दिए। मनरेगा में धांधली के मामले प्रकाश में आते ही रहते हैं। कभी मजदूरों की जगह मशीनों से काम कराकर तो कभी किसी और तरीके से योजना के धन का बंदरबांट करने की शिकायतें न जाने कितनी बार सामने आ चुकी हैं। अब जबकि लाक डाउन की वजह से लोगों को काम की जरूरत है शासन प्रशासन के भी आदेश हैं कि मजदूरों को मनरेगा के तहत काम उपलब्ध कराया जाए।
“इसी क्रम में आयुक्त ग्राम विकास द्वारा विगत दिनों एक पत्र निर्गत किया गया जिसमें साफ लिखा हुआ है कि मनरेगा से जो भी काम होंगे उस में हाजिरी भरी जाएगी और आनलाइन भुगतान करने की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके लिए कई बार प्रशासन द्वारा मीटिंग भी कराई जा चुकी है फिर भी अधिकांश जगह इन निर्देशों का पालन को धता बताकर कहीं प्रधान तो कहीं तकनीकी सहायक तो कही सचिव प्रशासन की मंशा पर पानी फेरकर अपनी जेबें भरने में जुटे हैं।“