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जिम्मेदारों की सह पर बेख़ौफ़ हुए खनन माफिया ! नदी की प्रवाह रोक डंप की जा रही बालू

दिन में नंबर एक तो रात नंबर दो की हो रही सप्लाई
उरई/जालौनबुंदेलखंड जो प्राकृतिक सम्पदाओं से पटा पड़ा है। फिर चाहे हर्बल औषिधियाँ हों या फिर स्टोन एवं बालू का अम्बार हर चीज इस भूमि ने मुफ्त मे गिफ्टेड की है लेकिन आज यह सम्पदा अवैध कार्य करने वाले माफियों से नष्ट होता जा रहा है। इसी क्रम में लाल बालू इन माफियाओं से बच नहीं सका और आये दिन यह खनन पेपरों की सुर्खियाँ बना रहता है।
इसी क्रम में बुन्देलखण्ड में बालू का अवैध खनन राजस्व को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहा है। जो बेतवा नदी कभी कल कल करके बहती थी आज खुद इन रेत माफियाओ की वजह से एक एक पानी की बूंद को तरस रही है। बुंदेलखंड के जालौन में रेत का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है बेतवा नदी में जब पट्टे की जमीन पर बालू खत्म हुई तो खनन माफियाओं ने नदी की जलधारा रोककर हेवी पोकलैंड दर्जनों मशीनों द्वारा बंधौली खंड संख्या 5 में नदी की जलधारा को रोककर हैवी पोकलैंड मशीनों द्वारा सैकड़ों गड्ढे नदी में बना दिए हैं। जिससे क्षेत्र में स्थित गांव का अस्तित्व खतरे में आ गया है अब समझने वाली यह बात है कि आखिर इसमें जिले के अधिकारियों का हाथ है या फिर किसी सत्ताधारी सफेदपोश का है। आखिर खनन माफियाओं को किसी का डर क्यों नहीं है यहां रहने वालों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है क्योंकि नदी लुप्त होती जा रही है। जिससे सैकड़ों एकड़ भूमि असंचित हो जाएगी यहां के लोग इन खनन माफियाओं की दबंगई की वजह से कोई आवाज नहीं उठाते। लगता है सरकार का अवैध खनन रोकने का सपना-सपना हो जायेगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सख्त आदेशों को दरकिनार कर दर्जनों पॉकलैंड मशीनों से नदी की जलधारा को बाधित कर प्रभावित कर बेख़ौफ़ बालू माफिया अपनी मनमानी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जबकि सरकार ने अवैध खनन को लेकर अपना कड़ा रुख अपनाया हुआ है लेकिन माफिया में लाल बालू की चमक के साथ ही उससे होने वाली कमाई के आगे मस्त हाथी की तरह बेख़ौफ़ खनन करते जा रहे हैं। और प्रशासन सिर्फ हाथ पर हाथ रखे मूक बोध बनी बैठी है। और अवैध खनन है कि रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अवैध बालू लदे सैकड़ो ट्रक सड़कों को रौंदते हुए बेखौफ दौड़ रहे हैं। बालू लदे ट्रकों से यह साबित होता है कि प्रशासन अवैध खनन को रोकने के जो दावे किये जाते हैं वो सिर्फ खोखले दावे हैं। बालू माफिया बेखौफ होकर बेतवा नदी का सीना छलनी कर बालू निकाल कर सरकार के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस बात का ताजा उदाहरण बंधौली खण्ड संख्या 5 में बालू का अवैध खनन करते देखा जा सकता है। जहां पर हर समय दबंगई से बालू की निकासी की जा रही है। खनन माफिया की दवंगई से शाम को अंधेरा गहराते ही हर रोज सुबह तक सैकड़ों ट्रक बालू निकासी हो जाती है। जहां पूरी रात बालू भरे ट्रक की धमाचौकड़ी से स्थानीय लोग परेशान रहते हैं। तेजी से ओवरलोड बालू ट्रक करने की आपाधापी में ये आए दिन लोगों की जान भी ले रहे हैं। अवैध बालू खनन पर शिकंजा कसने में प्रशासन पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है। खनन माफिया ने अपना पट्टा दिखाकर वन विभाग और ग्रामीणों के साथ वेतवा नदी के की रेत पर कब्जा जमा रखा है।

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