उरई/जालौन। अपर निदेशक कार्यालय सभागार में आज गुरुवार को अपर निदेशक डॉ वी.के. सिन्हा की अध्यक्षता में मंडलीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसका संचालन सिफ्सा एनएचएम के मंडलीय परियोजना प्रबंधक आनंद चौबे के द्वारा किया गया।
बैठक में मंडलीय परियोजना प्रबंधक के द्वारा पीपीटी के माध्यम से जनपद में गत माह में राष्ट्रीय कार्यक्रम, प्रजनन, महिला, नवजात शिशु, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रमों में किए गए कार्यों पर चर्चा की गयी। साथ ही पिछली मीटिंग में दिये गए दिशा निर्देशों पर चर्चा हुई। इस बार का मुख्य विषय मातृ मृत्यु के कारणों का पता लगाकर उसके निराकरण पर कार्य करना था। मातृ मृत्यु के कारणों पर चर्चा करते हुये अपर निदेशक ने निर्देश दिये कि मातृ मृत्यु के चिकित्सीय कारणों के साथ.साथ उनके सामाजिक कारणों जैसे कि क्या समय से प्रसव पूर्व जांच के लिए आई या नहीं, क्यों नहीं आयी, घर में कैसा माहौल रहा, प्रसव के समय ही अस्पताल आयी तो इसके पीछे के क्या कारण थे आदि को चिन्हित किया जाए और उनसे निपटने की रणनीति बनाई जाए। जिससे कि मातृ मृत्यु की दर को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रसव की संभावित तिथि के एक माह पूर्व संबन्धित महिला की संपूर्ण जांच हुई है या नहीं यह सुनिश्चित कर लिया जाए। यदि जांच नहीं हुई तो उस तिथि से आगामी माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर उसकी संपूर्ण जांच कराना सुनिश्चित किया जाए। अप्रैल से अक्टूबर तक मंडल में 85 मातृ मृत्यु हो चुकी है। संयुक्त निदेशक डॉ रेखा रानी ने अस्पतालों में होने वाले सामान्य व सिजेरियन प्रसव पर चर्चा की। मण्डलीय परियोजना प्रबंधक ने वर्ष 2021.22 के लिए बनाए रहे पीआईपी प्लान पर भी चर्चा की साथ ही वित्तीय खर्चों की मदवार समीक्षा की। वही मंडल क्वालिटी एश्योरेंस के सलाहकर डॉ राजेश ने राष्ट्रीय क्वालिटी एश्योरेंस के लिए चयनित इकाइयों की तैयारी के लिए चिन्हित गैप पर चर्चा की। अंत में अपर शोध अधिकारी रवि श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। बैठक में सभी जनपद के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभी जनपदों के जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक, मातृ मृत्यु समीक्षा के नोडल अधिकारी, डीपीएमयू यूनिट के प्रबंधक उपस्थित रहे।