उरई/जालौन। जिलाधिकारी डा0 मन्नान अख्तर द्वारा अवगत कराया गया है कि भारत सरकार की श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण कलस्टरों की पहचान की जाती है जहां शहरी घनत्व में वृद्धि, गैर-कृषि रोजगारों के उच्च स्तर, आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने और अन्य सामाजिक-आर्थिक पैमाने बढ़ाते हुए शहरीकरण जैसी सुविधाएं देना है। रूर्बन मिशन शहर की सुविधा एवं गांव की आत्मा के विचार पर आधारित है। अर्थात नगरों में जो आर्थिक, संरचनात्मक तकनीकी सुविधाएं हैं, उनका लाभ लेते हुए गांव के लोगों में सामुदायिकता की भावना बनी रहे, जो सतत विकास के लिए जरूरी है। मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में समेकित परियोजना पर आधारित संरचनात्मक सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ आर्थिक क्रियाकलाप और कौशल विकास भी शामिल हैं। रूर्बन मिशन कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं की निधियों का उपयोग करते हुए सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से लाभ प्रदान करने की वरीयता दी जाती है। रूर्बन मिशन के अन्तर्गत नगरों के नजदीक के या ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जिनकी मैदानी तटीय क्षेत्रों में आबादी 25 से 50 हजार, पर्वतीय या जनजातीय क्षेत्रों में 5 से 15 हजार आबादी वाले भौगोलिक रूप से एक दूसरे के समीप के गांवों को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया जाता है, इसका उद्देश्य स्थानीय आर्थिक विकास करना, आधारभूत सेवाओं को बढ़ाना और सुनियोजित रूर्बन क्लस्टरों का सृजन करना है। इस योजना को लागू कर शहरी और ग्रामीण अन्तर को समाप्त करना है। प्रदेश सरकार क्लस्टर के गांवों में गरीबी और बेरोजगारी पर बल देते हुए लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार से लगाते हुए आर्थिक विकास कर रही है। प्रदेश सरकार ने ग्रामीण जनजीवन के मूल स्वरूप को बनाये रखते हुए प्रदेश में जुलाई 2020 तक 3 चरणोें में कुल 19 क्लस्टर को ‘‘रूर्बन गांवों’’ के रूप में विकसित किया है। रूर्बन क्लस्टरों के विकास के लिए विभिन्न घटकों का क्रियान्वयन किया जाता है। सम्बंधित क्षेत्र क्लस्टर के ग्रामों में कौशल विकास के अन्तर्गत प्रशिक्षण देकर युवकों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश सरकार ने 19 क्लस्टरों के ग्रामों के 8445 व्यक्तियों को कौशल विकास के अन्तर्गत प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से लगाया है। कृषि संसाधन कृषि सेवाएं, संग्रहण मालगोदाम के लिए कृषकों व कृषि कार्य में लगे लोगों की उत्पादित खाद्य सामग्री को प्रोसेसिंग कर पैकेटिंग आदि कर विक्रय करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उसी तरह ऐसे गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं भी स्थानीय स्तर पर सुलभ कराया जा रहा है। सभी क्लस्टरों में शिक्षा की सुविधा व उन्नयन पर बल दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने क्लस्टर के ग्रामों में 19 स्मार्ट क्लास रूम एवं 425 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों का उन्नयन किया है, साथ ही बच्चों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए 110 विद्यालयों में आर0ओ0 प्लांट का निर्माण भी कराया है। रूर्बन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश सरकार ने स्वच्छता पर बल देते हुए समस्त 19 क्लस्टर में शत-प्रतिशत घरों में शौचालयों का निर्माण कराते हुए ओडीएफ घोषित किया है इसके अन्तर्गत क्लस्टर के ग्रामों में 21500 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया गया है। क्लस्टर के गांवों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की जा रही है। गांवों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए स्वच्छता मिशन फ्लस के अन्तर्गत कार्यवाही की जा रही है। क्लस्टर के ग्रामों में गलियों, नालियों व सम्पर्क मार्गों का भी निर्माण किया गया है। क्लस्टरों में लगभग 90 किमी0 के सम्पर्क मार्ग, सी0सी0 रोड का निर्माण किया गया है। नगरीय सुविधाएं देते हुए ऐसे गांवों में सीजीएफ अन्तर्गत 4360 सोलर स्ट्रीट लाइट एवं 113 हाई मास्ट सोलर लाइट का निर्माण कराते हुए स्थापना की गई है। क्लस्टर के ग्रामों में 18 बहुउद्देशीय सामुदायिक भवन एवं 19 बारात घर का निर्माण कराते हुए लोगों को सुविधाएं दी गई है। प्रदेश सरकार इन क्षेत्रों में परिवहन सेवाएं भी उपलब्ध करा रही है। रूर्बर मिशन, के अन्तर्गत बनाये गये क्लस्टर में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले समस्त परिवारों को 9375 एलपीजी गैस कनेक्शन देकर खाना बनाने के लिए धुंआरहित कर दिया है। प्रदेश सरकार इन क्षेत्रों में डिजिटल को बढ़ावा दे रही है और जन सुविधा केन्द्र भी खुलवाये गये हैं जिससे लोगों का आवश्यक कार्य डिजिटल रूप से होता रहे, उन्हें अन्य स्थान पर जाना न पड़े। प्रदेश सरकार प्रदेश के चिन्हित 19 क्लस्टरों में लगभग 196 करोड़ रू0 से अधिक धनराशि व्यय कर शहरी बुनियादी जरूरतों के लिए निर्माण कार्य करा चुकी है। सरकार के इस विकास परक कार्य से ग्रामीण-शहरी दूरियां पट रही है और लोगों को शहरी सुविधाएं मिलने लगी है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में उत्तर प्रदेश को ओवर आॅल परफारमेंस तथा रूर्बन साॅफ्ट इन्टीग्रेशन इन पीएफएमएस में भारत सरकार से राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है।