– सपा शासन में मंजूरी मिली थी भेंड़ और पहाडग़ांव गांवों में नए थानों की स्थापना की
– तीन साल में थाने लायक जमीन का एक टुकड़ा नहीं खोज पाया पुलिस विभाग कोंच/जालौन। शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं की दुर्गति कैसे होती है इसका ताजातरीन उदाहरण है भेंड़ गांव में पुलिस की रिपोर्टिंग चौकी की शासन से मंजूरी। कहने को तो भेंड़ में नए पुलिस थाने की स्थापना होनी थी लेकिन पिछले तीन साल में भी थाने के लिए एक अदद जमीन का टुकड़ा खोज पाने में स्थानीय पुलिस प्रशासन नाकाम रहा, नतीजतन थाने का आकार सिकुड़ कर चौकी जितना रह गया। बताना समीचीन होगा कि कोंच सर्किल के कैलिया थानांतर्गत ग्राम पहाडग़ांव और कोतवाली अंतर्गत ग्राम भेेंड़ में सपा शासन ने नए थानों की स्थापना की मंजूरी दी थी जिसमें भेेंड़ को तो रिपोर्टिंग चौकी मिल भी गई लेकिन पहाडग़ांव में थाने का कोई अता पता ही नहीं है। हाल ही में भेंड़ में रिपोर्टिंग चौकी की शासन द्वारा मंजूरी से खुश हैं इलाकाई बाशिंदे और अपनी खुशी का इजहार एक दूसरे का मुंह मीठा करा कर किया है।
विगत तीन वर्षों से शासन स्तर पर लंबित ग्राम भेंड़ में थाने की जगह रिपोर्टिंग पुलिस चौकी की स्थापना हेतु शासन के प्रस्ताव को राज्यपाल द्वारा मंगलवार को स्वीकृति प्रदान की गई है, इस समाचार से ग्रामीणों में खुशी की लहर है। खासतौर पर कोंच जालौन मार्ग पर सफर करने बालों को इस चौकी के होने से सुरक्षा का अहसास मिलेगा। अगर सूत्रों की माने तो राज्यपाल के आदेश के बाद जिले के आला पुलिस अधिकारी जल्दी ही ग्राम भेंड़ में रिपोर्टिंग पुलिस चौकी चालू करा सकते हैं और उस में अधिकारी/ कर्मचारी नियुक्त कर अग्रिम कार्रवाई की जा सकती है। गौरतलब है कि कोतवाली कोंच के बड़े आकार के कारण पुलिसिंग के लिहाज से आने बाली दिक्कतों को देखते हुए निवर्तमान सपा की अखिलेश सरकार के दौरान कोतवाली क्षेत्र के भेंड़ गांव में नए थाने की स्थापना को मंजूरी दी गई थी और युद्ध स्तर पर थाने लायक जमीन के टुकड़े का अन्बेषण भी शुरू हो गया था। समय गुजरता गया और जमीन तलाश अभियान ठंडे बस्ते में चला गया। ग्राम समाज या पड़ती की जमीन के जो टुकड़े राजस्व विभाग द्वारा सुझाए गए वे थाने के लिहाज से नाकाफी माने गए। एक दुखद पहलू यह भी रहा कि उस इलाके में ऐसा कोई धर्मात्मा भी नहीं निकल कर आ सका जो व्यापक जनहित से जुड़ी इस सरकारी परियोजना के लिए अपनी भूमि दान देकर कानून व्यवस्था को सुदृढ करने जैसे काम में अपना योगदान करता। ऐसी स्थिति में एक अति महत्वाकांक्षी सरकारी परियोजना की असमय ही भ्रूणहत्या हो गई। गनीमत यह रही कि मौजूदा यूपी सरकार के भेंड़ में रिपोर्टिंग चौकी की स्थापना के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने स्वीकृति की मोहर लगा दी है जो भले ही ‘भगे भूत की लंगोटी की तरह क्यों न हो, लोगों को इसका लाभ मिलना तय है। बहरहाल, आस-पास के ग्रामीणों सत्येेन्द्र गुर्जर दिक्कू, राजेन्द्रसिंह निरंजन, बब्बू पाल, महेश मेडिकल, शैलेष पटेल, रामेन्द्र पटेल, शरीफ, मल्लू, बादाम, दीपू, राजेश, मनोज, नरेन्द्र मुखिया, ऋषभ पटेल, सद्दाम, अनीस, सुरेश आदि ने खुशी जाहिर करते हुए शासनके इस कदम का स्वागत किया है औैर लोगों नेे एक दूसरे को मिठाई खिलाई।
शुरू हुई चौकी का काम काज शुरू करने की कवायद – राज्यपाल द्वारा भेंड़ में रिपोर्टिंग चौकी की स्थापना की मंजूरी के साथ शासन द्वारा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि शीघ्र ही चौकी शुरू कर वहां तत्काल अधिकारी कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। आदेशों के अनुपालन में बुधवार को कोतवाल इमरान खान ने एमएलसी प्रतिनिधि आरपी निरंजन के साथ चौकी के लिए स्थान की तलाश में कई जगहों को देखा। कोतवाल ने बताया कि फिलहाल, गांव में सिलाई केन्द्र का भवन है जिसमें दो कमरे खाली पड़े हैं उन्हीं में चौकी का काम काज शुरू कराया जा रहा है। भवन की सफाई और रंगाई पुताई के लिए ग्राम प्रधान को कह दिया गया है।