उरई/जालौन। कोविड के समय बिगड़े हालातों ने धीरे धीरे पटरी पर आना शुरू कर दिया है। हर माह की 9 तारीख को मनाए जाने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की शुरुआत भी हो चुकी है। अब हर गर्भवती इस दिवस पर आकार प्रसव पूर्व सम्पूर्ण जांच करा सकती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीपीएम डॉ प्रेम प्रताप ने बताया कि अभी परिस्थितिवश लोग अस्पताल आने में डर रहे है। मुख्यत: गर्भवती महिला प्रसव के लिए केन्द्रों पर आ रही हैं लेकिन जांच के लिए नहीं। जबकि गर्भावस्था व प्रसव के समय होने वाले खतरों से मातृ एवं शिशु को बचाने के लिए प्रसव पूर्व जांच बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने वीडियो के माध्यम से खुद सभी से अनुरोध करते हुये कहा है कि कोरोना संक्रमण बाधा है, परंतु सतर्कता के साथ गर्भवती मां को ख़ास होने का एहसास दिलाते हुए प्रत्येक नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्रदान करने के लिए उन्हें निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में लाएं और निशुल्क जांचों और सेवाओं का अवसर ना गंवाएं। साथ ही आशाओं को जिम्मेदारी दी गई है कि वह अपने क्षेत्र की सभी गर्भवती महिलाओं को इस दिवस पर केंद्र पर लाकर जांच जरूर करवाएं। उन्होंने कहा कि गर्भवती आपदा से न घबराएं और केन्द्रों पर टीकाकरण और जांच के लिए जरूर आएं। उनका कहना है कि कि त्योहारों का समय है और महामारी का दौर भी। लिहाजा पूरी सर्तकता के साथ प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को भी त्योहार की तरह मनाएं।
उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में होने वाले खतरों से बचाती है प्रसव पूर्व जांच – किसी भी गर्भावस्था में जहां जटिलताओं की संभावना अधिक होती है उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था में रखा जाता है और इसका पता लगाने के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर्स के द्वारा प्रसव पूर्व तीन संपूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। जिससे कि समय रहते इसका पता लगाकर इससे होने वाले खतरों से गर्भवती को बचाया जा सके।