हरदोई/सन्दीप शुक्ला। प्रताप नगर चौराहा के निकट ग्राम झरोइया में बलवंत जी के आवास परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन आचार्य संतोष भाई जी ने बताया कि भक्ति जीव को विनम्र बनाती है, जीव के अन्दर के ताप को समाप्त करती है। जिस जीव पर ईश्वर की कृपा हो जाती है उसका प्रमाण यह मिलता है कि उस जीव पर सब कृपा करने लग जाते हैं। भगवान जब स्वयं भक्त के हो जाते हैं तो संसार भक्त के नाम को मन्त्र के रूप में जपने लगता है। भगवान की कृपा से पूर्ण भक्त संसार में जीव के कल्याण और ईश्वर- नाम के संकीर्तन के प्रवाह को और तीव्र करने के लिए आते हैं। भक्त कभी भी राग, द्वेष और वैमनस्य नहीं करते। समुद्र मंथन को मन में विषयो का मंथन बताया अमृत को प्रभु की भक्ति बताया। वामन अवतार की कथा का वर्णन करते हुए महाराज जी ने कहा कि राजा बलि से बावन भगवान ने तीन पग पृथ्वी मांग कर उसके अभिमान को भी नाप लिया। भगवान श्री राम के अवतार का वर्णन करते हुए बताया कि राम शब्द जो रा में जब बोलते हैं मुंह खुलते ही पाप बाहर निकलता है म में ओंठ बंद होता है । पाप दुबारा अंदर नहीं जाते। रामावतार हमें जीवन जीना सिखाता है अर्थात रामायण और भागवत हमारे जीवन मृत्यु को सुधारती है। भगवान के जन्म के बहुत से कारण हैं भगवान का अवतार आतुरता से होता है मनु महाराज ने तपस्या करके भगवान से उनका स्वरूप मांग लिया । भगवान श्री राम स्वयं ही दशरथ एवम कौशल्या के घर मे प्रगट हो गए। इसके पश्चात भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया भगवान श्रीकृष्ण चराचर जगत के स्वामी है भगवान श्री कृष्ण वसुदेव के सिर के ऊपर आए तो उनके हथकड़ी और बेडी के जो बंधन थे वो कट गए गोकुल भक्ति करने का स्थान है मथुरा भोगियों की राजधानी भगवान भक्ति करने के स्थान पर चले गए मार्ग में उन्हें भक्ति रूपी यमुना महारानी का दर्शन हुआ गोकुल में भगवान के भक्त उन के स्वागत में तैयार थे भगवान श्री कृष्णा आधी रात को मां यशोदा केपास पहुंच गए। प्रातः काल सुनंदा को दर्शन दिया सुनंदा ने नंदबाबा को बताया नन्द बाबा ने सब गोकुलवासियों के साथ मिलकर नंदोत्सव मनाया। आज बड़े धूमधाम से भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की यशोदा के लाला भयो जय हो गोपाल की इस कीर्तन पर सभी भक्त जमकर नाचे भगवान श्री कृष्ण की सुंदर झांकी बनाई गई मखाना टॉफी फूल गुब्बारे लुटाए गए। इस अवसर पर मुख्य रुप से बलवन्त सिंह राहुल सिंह शिवशंकर सिंह अरुण सिंह आदि बहुत से भक्त उपस्थित रहे।