जालौन। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि पराली न जलाई जाए। इतना ही नहीं पराली जलाने पर आर्थिक दंड व कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है इसलिए परेशानी से बचने के लिए पराली कतई न जलाएं। अन्ना जानवरों की समस्या से निपटने के लिए अन्ना जानवरों को गौशाला में भिजवाएं। पशुपालक अपने जानवरों को घरों में ही रखें अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। यह बात एसडीएम ने कोतवाली परिसर में आयोजित बैठक ग्राम प्रधानों व किसानों से कही। एसडीएम गुलाब सिंह की अध्यक्षता एवं सीओ विजय आनंद व बीडीओ महिमा विद्यार्थी की उपस्थित में कोतवाली में पराली व अन्ना जानवरों की समस्या को लेकर ग्राम प्रधानों व किसानों के साथ बैठक की गई। बैठक को संबोधित करते हुए एसडीएम ने कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित बनाने के लिए पराली को लेकर कड़े कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं। कानूनी कार्रवाई के साथ ही आर्थिक दंड का भी सामना करना पड़ सकता है। एेसे में परेशानी से बचने के लिए खेतों में पराली कतई न जलाई जाए। धान की कटाई के बाद पराली को गौशाला में दे दिया जाए ताकि पशुओं का पेट भर सके। इसके अलावा पराली से खेतों में खाद भी बनाई जा सकती है जिससे मिट्टी की जैविक शक्ति बढ़ेगी। उन्होंने प्रधानों को इस संबंध में किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए। बीडीओ महिमा विद्यार्थी ने बताया कि ब्लाक क्षेत्र में गौशालाओं का संचालन शुरू हो चुका है। रवी की फसल को लेकर किसान के समक्ष अन्ना जानवरों की समस्या उत्पन्न होने लगी है। इसके लिए किसान अन्ना जानवरों को गौशाला पहुंचा सकते हैं। प्रधानों को निर्देश दिए कि पशुपालकों को अवगत करा दें कि वह अपने पशुओं को अन्ना न छोड़ें घरों अथवा बाड़े में रखें। यदि कोई पशुपालक अपने पशुओं को अन्ना छोड़ता है तो लिस्ट बनाकर दें। सीओ विजय आनंद ने कहा कि पराली जलाने एवं पशुओं को अन्ना छोडऩे की शिकायत मिलने पर संबंधित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी इसलिए परेशानी से बचने के लिए एेसी स्थिति पैदा न करें और निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करें। इस मौके पर कोतवाल रमेश चंद्र मिश्र, प्रियंका द्विवेदी, जसवंत सिंह सारंगपुर, दीपक श्रीवास्तव प्रतापपुरा, कपूर सिंह हरदोई राजा, विमलपाल मांडरी, कामता प्रसाद छिरिया सलेमपुर आदि मौजूद रहे।