– टीबी रोगी की कोरोना संबंधी जांच भी होगी रोगी खोजने पर टीम को मिलेगा 200 रुपये अतिरिक्त उरई/जालौन। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत दस दिवसीय सघन सक्रिय टीबी खोज अभियान सोमवार से शुरू हो गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अल्पना बरतारिया ने अपने कार्यालय में आयोजित मीडिया वर्कशाप में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टीबी घातक बीमारी है और यह नियमित इलाज से ही ठीक हो सकती है। टीबी रोगी अपने आसपास के लोगों में यह बीमारी फैलाता है। इसके लिए भारत सरकार ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत का संकल्प लिया है। उसी के तहत यह अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत जिले की कुल संख्या में 1.81 लाख जनसंख्या को लक्षित करके अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए 37478 घरों में 73 टीमें जाएंगी। टीमों के पर्यवेक्षण के लिए 16 पर्यवेक्षक और नौ नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। क्षय रोगी खोजने वाली टीम को 150 रुपये रोजाना की दर से भुगतान किया जाएगा। यही नहीं रोगी खोजने पर प्रति रोगी दो सौ रुपये भी दिए जाएंगे। जबकि अभियान में लगे सुपरवाइजर को तीन सौ रुपये रोजाना भुगतान दिया जाएगा। अभियान 11 नवंबर तक चलेगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ सुग्रीव बाबू ने बताया कि इस बार का अभियान कोरोना काल में चलाया जा रहा है। ऐसे में संभावित क्षय रोगियों की टीबी जांच के साथ ट्रूनेट से कोरोना संबंधी जांच भी होगी। यदि टीबी रोगी मिलता है तो उसकी पंजीकरण करके अगले दिन से ही उसके इलाज शुरू कर दिया जाएगा। यही नहीं पूरी प्रक्रिया आनलाइन पोर्टल पर दर्ज होगी। टीबी रोगी को पांच सौ रुपये पोषण भत्ता भी दिया जाता है। वर्तमान में 1116 मरीज इलाज ले रहे हैं।
कोविड एल 1 हास्पिटल के प्रभारी डॉ संजीव प्रभाकर ने कहा कि कोरोना के दौर में टीबी और कोरोना के लक्षण लभगभ सामान है। ऐसे में बिना किसी लापरवाही के व्यक्ति को अपनी जांच करानी चाहिए। वर्कशाप में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सत्यप्रकाश आलोक मिश्रा आदि भी मौजूद रहे।