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कालपी में नवनिर्मित ओवरब्रिज की एक साइड हल्के वाहनों के लिए खोली गई

डीएम ने किया निरीक्षण, दिए एक सप्ताह में दूसरी साइड भी तैयार करने के निर्देश
कालपी/जालौन। डेढ़ दशक के लंबे इंतजार के बाद साढ़े आठ सौ मीटर ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक, उपजिलाधिकारी, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक, हाइवे व एनएचएआई व निर्माणाधीन कंपनी के लोगों की मौजूदगी में निरीक्षण के बाद ओवरब्रिज को उरई से कानपुर की ओर जाने वाले हल्के वाहनों के लिए खोल दिया गया।
रविवार की दोपहर तकरीबन तीन बजे के करीब जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर ने पुलिस अधीक्षक डा. यशवीर सिंह के साथ उपजिलाधिकारी/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जयेंद्र कुमार, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शिवगोपाल सिंह, एजीएम ओवीआईएल गणेशन, जनसंपर्क अधिकारी डीएनतिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर फरीद अहमद, लैब इंचार्ज रवि, आयुष महावर कंसल्टेंट, एसबी सिंह, अयोध्या प्रसाद सहित एनएचएआई, ओबीआईएल, मित्तल कंपनी के अधिकारियों की मौजूदगी में जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन साढ़े आठ सौ मीटर ओवरब्रिज जो कि बीते डेढ़ दशकों से नहीं बन पा रहा था जिसके लिए दो वर्ष पूर्व कार्ययोजना तैयार हुई तथा एक वर्ष तक तेजी से काम किए जाने के चलते हल्के वाहनों के लिए उरर्ई से कानपुर की ओर जाने के लिए ट्रैफिक शुरू कर दिया गया है तथा आठ दिन बाद इससे भारी वाहनों को निकाला जाएगा। इसके अलावा दूसरी साइड कानपुर से झांसी जाने वाली साइड को भी एक सप्ताह में पूरा करने का टारगेट दिया गया। हालांकि जिस साइड को आज जिलाधिकारी की मौजूदगी में शुरू किया गया उस मार्ग को बीती रात्रि ढाई बजे तक डामरीकरण करके पूरा किया गया तथा साढे़ बारह बजे के करीब जिलाधिकारी का कार्यक्रम आया कि कालपी के वन साइड ओवरब्रिज का हल्के वाहनों के लिए उद्घाटन करेंगे। आनन फानन में हाइवे के अधिकारियों ने फीता व लड्डू फूलमाला मंगाकर तैयारी पूरी की लेकिन जिलाधिकारी ने किसी भी प्रकार के फीता कटाने के कार्यक्रम को निरस्त करते हुए निरीक्षण के बाद हल्के वाहनों के लिए खोल दिया।
सोलह वर्ष बाद पूर्ण होने की स्थिति में पहुंचा कालपी में अधूरा पड़ा फोरलेन
कालपी नगर का पौने दो किलोमीटर अधूरे पड़े फोरलेन सड़क निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2004 में अटल बिहारी बाजपेई की एनडीए सरकार में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री मेजर भुवन चंद्र खंडूरी के कार्यकाल में कानपुर से उद्योग नगरी मुंबई के लिए स्वीकृत हुई थी। उस दौरान उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी तथा सूबे के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव थे तथा कालपी क्षेत्र के विधायक के रूप में भाजपा के डा. अरुण मेहरोत्रा थे। उनके अथक प्रयास से यह योजना स्वीकृत हुई थी लेकिन इस निर्माण कार्य व मुआवजे को लेकर गड़बड़ी तथा धर्मस्थलों के विस्थापन को लेकर फंसे पेंच के चलते सोलह वर्ष बाद आज फिर शुरू होने की स्थिति है।

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