– इन गाँवों में अब तक किसी का नहीं बना है गोल्डेन कार्ड उरई/जालौन। जनपद के पांच ब्लॉक के 14 गाँवों में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के अंतर्गत गोल्डन कार्ड बनाने के लिए एक नवम्बर से विशेष अभियान चलाया जाएगा। यह ऐसे गाँव हैं जहां योजना की शुरुआत से अब तक एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बने हैं। शासन द्वारा ऐसे गाँवों में विशेष अभियान चलाकर कार्ड बनने के बारे में निर्देशित किया गया है।योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) डॉ आशीष कुमार झा ने बताया कि चिकित्सा, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद द्वारा दिए गए निर्देशानुसार जनपद के पांच ब्लॉक डकोर, महेवा, जालौन, कोंच, नदीगांव के 14 गाँवों में विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा ताकि सभी बचे हुए लाभार्थियो के गोल्डन कार्ड बनाये जा सकें। यह गाँव हैं डकोर ब्लॉक के बांधा, किशोरा, लहरिया रूरल, सिंधौली, महेवा ब्लॉक के हरखुपुर, हिम्मतपुर दिवारा, घसियरेपुर, कोंच ब्लॉक् के बमरा, जालौन ब्लॉक् के जालौन ख़ास, लहर जालौन व नदीगांव ब्लॉक् के डंग सजेरा, खिल्ली कोच, महलगावँ, शाहपुरा आदि।
डॉ आशीष ने बताया कि जनपद के कुल 1151 गाँव में से 914 गाँव में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी परिवार योजना से आच्छादित हैं। इनमें से 900 गाँव में कम से कम एक लाभार्थी परिवार का गोल्डन कार्ड बनाया जा चुका है। शेष 14 गाँव में इस विशेष गोल्डन कार्ड शिविर के माध्यम से कार्ड बना दिया जाएगा। योजना में जनपद के कुल 105042 परिवार सम्मिलित हैं जिन्हें आयुष्मान योजना की सभी सुविधाएं लेने के लिए पात्र माना गया है। इसमे 103682 लाभार्थी परिवार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में व 1360 परिवार मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान में सम्मिलित हैं। योजना की शुरुआत से अब तक 87598 लाभर्थियों का गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके है। 5751 लाभार्थियों ने निःशुल्क उपचार की सुविधा जनपद के 14 पंजीकृत चिकित्सालयों के साथ साथ प्रदेश व देश के विभिन्न पंजीकृत चिकित्सालयो में प्राप्त किया है। इस विशेष अभियान में कोविड-19 के सभी नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा, जिसमे सभी लाभार्थियों को सोशल डिस्टेन्सिंग के साथ – साथ मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना होगा।
ज़िला कार्यक्रम समन्वयक डॉ आशीष ने बताया कि जनपद के नौ ब्लॉक में से कदौरा, माधौगढ़, रामपुरा व कुठोंद ने सबसे पहले अपने ब्लॉक के शत प्रतिशत गांवों में कम से कम एक लाभार्थी परिवार का गोल्डनकार्ड बनवाया जा चुका है। इस विशेष अभियान में कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से गोल्डनकार्ड बनाया जाएगा, जिसमे लाभार्थियो को 30 रुपए प्रति कार्ड देने होंगे। परिवार के सभी सदस्य का अलग अलग कार्ड बनेगा, जिसके लिए प्रति व्यक्ति भुगतान किया जाना है। इस विशेष अभियान में लाभार्थियों को अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ, प्रधानमंत्री का पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड या अन्य कोई पहचान पत्र लाना अनिवार्य है। इन दस्तावेज के बिना कार्ड बनवाना संभव नही होगा। ज़िला कार्यक्रम समन्वयक के अनुसार संबंधित सभी 14 गांव की आशा कार्यकर्ता को लाभार्थियों की सूची चिकित्सा अधीक्षक के माध्यम से दी जा चुकी है। इस कार्य के लिये आशा संगिनी को प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।