जालौन। ईद मीलादुन्नबी का पर्व कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा जारी गाइड लाईन के अनुसार मनाएं। जबरन जुलसे मोहम्मदी न निकालें। घरों एवं मोहल्लों में खूब रोशनी करें और इबादत करें। यह बात सुब्हानी जामा मस्जिद के इमाम मौलाना शहाबुद्दीन ने कही।
शुक्रवार (जुमा) को 12वीं शरीफ यानी ईद मीलादुन्नबी, पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब का जन्म दिन है। यह दिन इस्लाम के धर्माबलंबियों के लिए खास दिन है। पूर्व में ईद मीलादुन्नबी के अवसर पर जोर शोर के साथ जुलूस ए मोहम्मदी निकाला जाता था। लेकिन इस बार कोरोना महामारी का असर त्योहारों पर भी पड़ा है। एक ओर जहां नवरात्रि के पर्व पर देवी पांडलों एवं दशहरा मेला की अनुमति नहीं मिली वहीं प्रशासन द्वारा ईद मीलादुन्नबी को लेकर जुलूस ए मोहम्मदी की भी अनुमति नहीं दी गई है। एेसे में यह पर्व पर घरों पर ही मनाया जाएगा। जिसको लेकर नारोभास्कर स्थित सुब्हानी जामा मस्जिद के इमाम मौलाना शहाबुद्दीन ने पैगंबरे इस्लाम से मोहब्बत रखने वालों से अपील की है कि हर साल उठने वाले जुलूस ए मोहम्मदी पर इस बार दुनियां में फैली कोरोना की महामारी की वजह से सरकार की ओर से पाबंदियां लगी हुई हैं।
एेसे में कोई भी कानून व्यवस्था को हाथ में लेकर जबरन जुलूस निकालने की कोशिश न करें। सभी अकीदतमंद पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब का जन्म दिवस अपने घरों और मोहल्लों को सजाकर व रोशन कर मनाएं। घरों में चरागां करें और घरों व मस्जिदों में बैठकर इबादत करें। जुमा की नमाज के बाद सुब्हानी जामा मस्जिद में मीलादे मुस्तफा का आयोजन होगा। घरों पर भी मीलादे मुस्तफा करें। कहा कि सभी लोग अमन और मोहब्बत का संदेश देने वाले पैगंबरे इस्लाम की दी हुई नसीहत पर अमल करें और कोरोना सहित तमाम दुश्वारियों से बचने की लिए दुआ करें।