– पांच हजार की जगह अब मिलेंगे दस हजार
– मानदेय में बढ़ोतरी होने पर आरोग्य मित्रों में खुशी उरई/जालौन। उत्तर प्रदेश शासन ने जनपद समेत प्रदेश के समस्त राजकीय चिकित्सालयों में वर्तमान में नियुक्त आयुष्मान मित्र का मानदेय पांच हजार से बढ़ाकर दस हजार रूपये प्रतिमाह कर दिया है। यह जानकारी देते हुए आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ आशीष कुमार झा ने बताया कि गत वर्ष सितंबर माह में ही इसकी घोषणा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा कर दी गई थी लेकिन अब इसका मूल स्वरूप सामने आया है । जिसमें अब सभी आरोग्य मित्रों को अक्टूबर माह से बढ़ा हुआ मानदेय दिया जाएगा।
डॉ आशीष ने बताया कि जिले में राजकीय मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल व जिला महिला चिकित्सालय के साथ ही सात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष्मान मित्र नियुक्त हैं। मानदेय बढ़ाए जाने की घोषणा से सभी आरोग्य मित्र प्रसन्न हैं। सभी ने सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम की प्रशंसा भी की। वर्तमान में आरोग्य मित्रों का मुख्य कार्य अपने अस्पताल में योजना के लाभार्थियो को समुचित सहयोग देना है। साथ ही गोल्डनकार्ड बनाकर मरीजों को पंजीकृत करने का काम भी आरोग्य मित्रों का ही है। मानदेय बढऩे के बाद आयुष्मान मित्रों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
सरकार ने समझा हमारा दुख-दर्द –
जिला महिला अस्पताल में तैनात आरोग्य मित्र अन्नपूर्णा का कहना है कि मानदेय बढ़ाने की बात वास्तव में खुशखबरी है। इसके लिए सरकार को धन्यवाद।
उम्मीद थी कि जरूर बढ़ेगा मानदेय –
राजकीय मेडिकल कालेज में तैनात आरोग्य मित्र मुजाहिद का कहना है कि पिछले 18 महीनों से लगातार लाभार्थियों के पंजीकरण का काम पूरी लगन निष्ठा से कर रहा था। कम मानदेय मिलने के कारण निराशा तो थी लेकिन उम्मीद थी कि मानदेय बढ़ेगा। अब मानदेय बढऩा खुशी की बात है।
लिए गए थे मानदेय बढ़ाने के आवेदन –
कालपी स्थित सीएचसी में तैनात आकाश का कहना है कि गत वर्ष नियुक्ति के बाद 29 सितंबर को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में हम सभी आरोग्य मित्रों से मानदेय बढ़ाने का आवेदन भी लिया था। आज मानदेय बढऩा हम सबके लिए खुशी की बात है।
मांग पूरी होना खुशी की बात –
नदीगांव सीएचसी में तैनात आरोग्य मित्र राघव का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना में गत एक वर्ष से जिस लगन निष्ठा से हम सभी आरोग्य मित्रों ने जिला स्तरीय क्रियान्वयन इकाई के अधीन कार्य किया है। हम लगातार अपनी मानदेय बढ़ोतरी की मांग उठा रहे थे। मांग पूरी होना खुशी की बात है।