जालौन। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन नगर व ग्रामीण क्षेत्र के प्राचीन व प्रमुख माता मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। इसके अलावा देवी भक्तों ने घरों में कलश स्थापना व अखण्ड ज्योति प्रज्ज्वलित की।
शरदीय नवरात्रि पर नगर के प्राचीन व प्रमुख देवी माता मंदिर छोटी माता, बड़ी माता, अलखिया माता मंदिर, संतोषी माता मंदिर आदि के साथ पहाड़पुरा में स्थित मां कामांक्षा देवी मंदिर, कैंथ में गायत्री माता मंदिर को आकर्षिक ढंग से सजाया गया था। नवरात्रि के सुबह से ही देवी भक्तों का मंदिरों में पहुंचना शुरू हो गया था। माता के भक्त हाथों में जल का लोटा, रोली, चावल, फूल, प्रसाद लेकर माता के मंदिरों में पहुंचे जहां उन्होंने घंटा, ढोल, शंख बजाकर माता की पूजा अर्चना की। जय माता दी के जयकारे भी लगाए गए। माता के मंदिरों में देवी भजन भी गाए गए। एक ओर जहां मंदिरों में भक्तों की भीड़ थी तो दूसरी तरफ माता के भक्तों ने घरों में भी कलश (घट) स्थापना की एवं अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित कर दुर्गा चालीसा, सप्तसती के पाठ के साथ धूप, दीप, कपूर से आरती करके माता की अराधना की। जगह जगह हो रहे पूजा, पाठ, हवन इत्यादि से नगर कास माहौल भक्तिमय बना रहा।
उधर, कोरोना के संक्रमण के कारण नगर में दुर्गा पांडाल नहीं सजे। हालांकि देवी भक्तों ने पांडाल सजा लिए हैं लेकिन अभी तक प्रशासन से अनुमति न मिलने के कारण देवी प्रतिमाओं की स्थापना नहीं हो सकी है। देवी भक्तों को अभी भी उम्मीद है कि शायद प्रशासन देर रात तक उन्हें मूर्ति स्थापना की अनुमति दे देगा। जिसके चलते नवदुर्गा कमेटियों के संचालक लगातार प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं। अब देखना है कि प्रशासन देवी पांडाल सजाने क अनुमति देता है अथवा नहीं।
इनसेट– देवी मंदिरों में नजर नहीं आई महिला कांस्टेबिल
नवरात्रि के पहले दिन देवी मंदिरों पर महिला कांस्टेबल नजर नहीं आई। जबकि भीड़भाड़ वाली जगहों पर कई बार घटनाएं हो जाती हैं। शोहदों के साथ चोर भी सक्रिय रहते हैं। पूर्व में भी जंजीर छीनने एवं छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आई हैं। इसके बावजूद महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती न होने से मंदिर संचालक मायूस हैं। देवी भक्तों ने पुलिस अधिकारियों से देवी मंदिरों के आसपास महिला पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाए जाने की मांग की है।