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बिजली नहीं मिलने से सूख रहीं मैैंथा की फसलें, नहीं हो पा रहा है पलेवा

बिजली की अंधाधुंध कटौती की भारी समस्या से जूझ रहे हैं ग्रामीण
कई बार कर चुके हैं स्थानीय अधिकारियों से शिकायत लेकिन समस्या जस की तस
कोंच/जालौन। तहसील क्षेत्र में लगने वाले 225 गांवों के ग्रामीण बिजली की अधाधुंध कटौती की भारी समस्या से जूझ रहे हैं, समय से बिजली नहीं मिल पाने के कारण किसानों को अपनेे खेेतों का पलेवा करने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। जिन खेतों मेें मैैंथा की फसल है वह पानी केे अभाव में सूखने लगी हैै। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने स्थानीय अधिकारियों को कई बार लिखित शिकायतें दी हैं लेकिन अभी तक कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा है जिसके चलते समस्या जस की तस हैै।
कोंच तहसील की अधिकांश जिंदगी खेती किसानी सेे जुड़ी हैै, या तो किसान हैं या फिर खेतिहर मजदूर और दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। जो किसान केवल कृषि पर ही आधारित है उनके परिवारों की गाड़ी कृषि पर ही चलती है वे किसान इस समय भारी मुसीबत के दौर सेे गुजर रहेे हैं क्योंकि बुबाई का समय सिर पर हैै और खेत पलेवा के लिए पड़े हैं लेकिन बिजली की घनघोर कटौती के कारण पलेवा हो नहीं पा रहा हैै। यह वक्त उनके लिए सबसे कठिन है क्योंकि जब समय से खेतों को पानी नहीं मिलेगा तो बुबाई कैसेे हो सकती है। इसके अलावा खेतों मेें खड़ी मैंथा की फसल भी पानी के अभाव में सूख रही है जिससेे किसानों का लाखों का नुकसान हो सकता है। बिजली की इस किल्लत का असर आम जिंदगी पर भी पड़ रहा हैै और लोगों की दिचर्या पटरी से उतर गई है। छात्र छात्राओं की पढाई भी इससे प्रभावित हो रही हैै, भले ही स्कूल न खुल रहे हों लेकिन उनकी ऑनलाइन पढाई जारी है जिसमें उन्हें घंटों खपना पड़ता है। बिजली नहीं आनेे से वह अपना वर्क नहीं कर पा रहे हैं। आने बाले दिनों में बड़े बड़े त्योहार सिर पर हैं और बिगड़ी विद्युत व्यवस्था इन्हें भी बेरौैनक कर सकती है। इस स्थिति को लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश दिख रहा है। सुरेंद्र कुमार, रमेशचंद्र, प्यार मोहम्मद, गंगाधर, चंद्रपाल सिंह, अच्छेलाल आदि नागरिकों ने प्रशासन और बिजली विभाग के आला अधिकारियों से तत्काल बिगड़ी व्यवस्था पटरी पर लाने की मांग की है।

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