– बीहड़ में बसे ग्राम पंचायत मऊ के बाशिंदों नेे एसडीएम से शिकायत कर जांच कराने की मांग की कोंच/जालौन। विकास खंड नदीगांव के पहूज बीहड़ पट्टी में बसे गांव मऊ-कैमरा में ब्लॉक के अधिकारियों द्वारा अपने चहेतों को आवास सूची में डालनेे और पात्रों को सूची से उड़ाने का मामला प्रकाश में आया है। बुधवार को गांव के दर्जनों स्त्री पुरुष तहसील पहुंचे और एसडीएम अशोक कुमार से इस बात की शिकायत की कि पात्रता सूची में से उन लोगों केे नाम गायब करके अपात्रों को सूची में जोड़ दिया गया है जिससे गरीबों के कल्याण की सरकार की मंशा ही सवालों के घेेरे में आ खड़ी हुई है।
शासन भले ही गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू करती हो लेेकिन उनके क्रियान्वयन में सरकारी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों का मनमाना रवैया इन योजनाओं में पलीता लगाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ते हैं जिसका नतीजा यह होता हैै कि योजनाओं मेें जिन पात्रों को लाभ मिलना चाहिए उनके बजाए ऐसेे अपात्रों को लाभ देे दिया जाता है जो हर तरह सेे संपन्न हैं। ऐसा ही एक मामला धुर बीहड़ में बसे ग्राम पंचायत मऊ और उसके मजरा गांव कैमरा का सामने आया है जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना आवासों में भारी घपलेे की शिकायत एसडीएम से की गई है। ग्रामीणों प्रधान प्रतिनिधि नरेन्द्रपाल, जसवंत, कटोरी, रानीबाई, कस्तूरी, ऊषादेवी, मुमताज, कोमल, नीलम, विद्दन, बद्री, मंगल, मेवा, मूलचंद्र, प्रेमा, बलवीर,अलका, रामदेवी, वंदना, माधुरी, अर्मिला, कुंजविहारी, शशिदेवी, राखी, शांतिदेवी, पिंकी, प्रेम, मोनू, सुकेता, वती सहित लगभग आधा सैकड़ा लोग बुधवार को तहसील में आकर एसडीएम से मिलेे और उन्हें अपनी व्यथा सुनाते हुए शिकायती पत्र दिया जिसमें कहा गया है कि वह लोग गरीब खेतिहर मजदूर भूमिहीन हैं। उन लोगों की ब्लॉक कर्मचारियों द्वारा प्रधानमंत्री आवासों हेतु जियो टैगिंग की गई थी और सूची में उन लोगों के नाम सम्मिलित करके भेजे गए थे। वह लोग आश्वस्त थे कि उन लोगों को अबकी दफा आवास जरूर मिल जाएंगे लेकिन पंचायत सचिव प्रमोदकुमार द्वारा सूची में घपलेबाजी करके उनके नाम काट कर ऐसे अपात्रों के नाम जोड़ दिए गए हैं जिनके पास पक्के मकान, ट्रैक्टर, बाइक आदि हैं। उन्होंने मांग की है कि किसी निष्पक्ष अधिकारी से खुली बैठक में जांच करा कर पात्रों का चयन किया जाए।