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बन्दी महिलाओं को जागरूक करने हेतु जिला कारागार उरई में विशेष जागरूकता शिविर का किया गया आयोजन

उरई/जालौन। विगत दिवस जिला कारागार उरई में महिलाओं हेतु विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकारण अध्यक्ष माननीय जनपद न्यायाधीश श्री अशोक कुमार सिंह के निर्देशन में आयोजित शिविर में उपस्थित सिद्धदोष/विचाराधीन महिला बन्दियों को महत्वपूर्ण कानूनी जानकारियां प्रदान की गयीं।
राष्ट्रीय महिला आयोग की रिसोर्स-पर्सन श्रीमती राजकुमारी निषाद, एडवोकेट ने महिलाओं को राष्ट्रीय महिला आयोग के कार्यों एवं इसकी भूमिका और संविधान में महिलाओं को प्राप्त कानूनी अधिकारों के बारे में बताया। इन्होंने महिला बन्दियों को विभिन्न कानूनों की जानकारियां देते हुये बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की मुख्य भूमिका असहाय, कमजोर और गरीब लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करना और निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान करना है। इसके लिये विभिन्न मंच और कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इनमें सुलह-समझौता केन्द्र (मीडियेशन सेन्टर), लीगल केयर एण्ड सपोर्ट सेन्टर, निःशुल्क एवं सक्षम विधिक सहायता स्कीम, पैरालीगल वालंटियर्स स्कीम और विभिन्न प्रकार की लोकअदालतें आयोजित की जाती हैं।
एक अन्य रिसोर्स-पर्सन श्रीमती साधना त्रिपाठी एडवोकेट ने महिलाओं को बताया कि पति और पिता की पुस्तैनी सम्पत्ति में उनको पूरा अधिकार प्राप्त है। शादी के बाद भी महिला को पिता की सम्पत्ति में कानूनी अधिकार प्राप्त है। इनके अतिरिक्त महिलायें धारा-125 सीआरपीसी, हिन्दू विवाह अधिनियम एवं घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत गुजारे भत्ते की मांग कर सकती हैं और तलाकशुदा पत्नी को भी अपने पति की पैतृक सम्पत्ति से हिस्सेदारी व दूसरी शादी करने तक भरण-पोषण लेने का अधिकार प्राप्त है।
जेल विजिटर डा0 अंशू दुबे एडवोकेट ने मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति अधिनियम, बन्दियों के जमानत के अधिकार, अपील करने का अधिकार और निःशुल्क कानूनी सुविधा के अधिकार के विशय में जानकारी दीं। स्वास्थ्य विभाग के अपर शोधाधिकारी श्री अकील अहमद ने कन्या भ्रूण हत्या रोके जाने पर जोर दिया और स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभागीय योजनाओं को विस्तार से समझाया।
इस शिविर का संचालन करते हुये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय प्रभारी श्री अश्वनी कुमार मिश्र ने जनोपयोगी सेवाओं से सम्बन्धित विवादों के निस्तारण हेतु धारा-22 बी के अन्तर्गत गठित की गयी स्थायी लोकअदालत और महिला कल्याण विभाग द्वारा महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाओं के विशय में बताया। इस अवसर पर उपकारापाल श्रीमती होसला देवी, पीएलवी टीम लीडर श्री दीपक तिवारी, श्रीमती दीक्षा तिवारी और करन सिंह यादव, समेत सिद्धदोश/विचाराधीन महिला बन्दी उपस्थित रही।

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