– 12 मार्च 1948 में बना था बुंदेलखंड राज्य
– चुनावी मुद्दों के रूप में सीमित रह गया बुंदेलखंड को अलग पृथक राज्य बनाने की कवायद उरई/जालौन। आज बुंदेलखंड क्रांति दल के पदाधिकारियों ने बुंदेलखंड को पुनः पृथक राज्य बनाने को लेकर जिला कार्यालय में माननीय प्रधानमंत्री को संबोधित सिटी मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन दिया। ज्ञापन के माध्यम से बुंदेलखंड क्रांति दल के जिलाध्यक्ष रजनीश द्विवेदी ने बताया की पृथक बुंदेलखंड राज्य बनाने की लगातार मांग उठती आ रही है।
जैसा कि ज्ञात है कि बुंदेलखंड क्षेत्र सर्वाधिक पिछड़ा हुआ है और पिछड़ा होने की वजह से बुंदेलखंड के सारे किसान मजदूर व्यापारी नौजवान एवं छात्र परेशान है। बुंदेलखंड में रहने वाले किसी भी नौजवान मजदूर युवा के लिए कोई रोजगार की संभावनाएं बुंदेलखंड में नहीं है ऐसा इसलिए है कि उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश व केंद्र सरकार हमेशा बुंदेलखंड के विकास के प्रति उदासीन रही है जब बुंदेलखंड राज्य पुनः अलग बनेगा तभी राज्य का विकास होगा। बुंदेलखंड की जनता की ओर से बुंदेलखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता आपको कई बार ज्ञापन के माध्यम से पुनः पृथक बुंदेलखंड राज्य बनाने की मांग कर चुके हैं लेकिन आज तक किसी भी पत्र का कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया। अतः हम आपसे बुंदेलखंड के प्रति सहानुभूति पूर्ण व्यवहार की अपेक्षा रखते हैं और एक बार पुनः बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं।
अगर देखा जाए तो 12 मार्च 1948 को 35 देशी रियासतों को मिलाकर विंध्य प्रदेश के अंतर्गत पृथक बुंदेलखंड राज्य बनाया गया था पृथक बुंदेलखंड राज्य के पहले मुख्यमंत्री श्री कामता प्रसाद सक्सेना बने थे नौगाँव को पृथक बुंदेलखंड राज्य की राजधानी बनाया गया था। पृथक बुंदेलखंड राज्य लगभग 8 साल रहा और 31 अक्टूबर को बुंदेलखंड राज्य समाप्त कर आधा उत्तर प्रदेश और आधा मध्यप्रदेश में मिला दिया गया। सन 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम देश की संसद में पारित हुआ सन 1956 में 14 राज्य एवं 6 केंद्र शासित राज्य बनाए गए। 31 अक्टूबर 1956 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा पृथक बुंदेलखंड राज्य को समाप्त कर बुंदेलखंड राज्य को दो भागों में विभाजित कर उत्तर प्रदेश में मध्य प्रदेश में बांट दिया गया।
इसी प्रकार 2014 के लोकसभा चुनाव में 27 अप्रैल 2014 को झांसी संसदीय चुनाव क्षेत्र की रैली में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती ने स्वयं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष बुंदेलखंड की जनता से वादा किया था कि अगर केंद्र में भाजपा सरकार आई तो 3 वर्ष के भीतर पृथक बुंदेलखंड राज्य बना दिया जाएगा जो कि अब तक नहीं किया गया। जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार पूरे बुंदेलखंड की जनसंख्या 1 करोड़ 83 लाख 34 हजार 753 है और 70592 वर्ग किलोमीटर भूमि है। यदि उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के 14 राज्यों को मिलाकर बुंदेलखंड राज्य बनाया गया तो अपनी जनसंख्या के अनुसार देश का 19वां और जमीन के अनुसार देश का 18वें नंबर का राज्य होगा जो कि छोटा राज्य नहीं है।
आपको बताते चलें सन 1956 के बाद केंद्र सरकार द्वारा कोई भी राज्य पुनर्गठन आयोग द्वारा नहीं बनाया गया है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा बिना राज्य पुनर्गठन आयोग के ही 17 और नए राज्य बनाए गए बुंदेलखंड राज्य से छोटे राज्य बना दिए गए। लेकिन इन सब में बुंदेलखंड नए राज्य बनने से वंचित रहा। ज्ञापन के दौरान बुंदेलखंड क्रांति दल के जिलाध्यक्ष रजनीश द्विवेदी, साकेत मणी तिवारी जिला उपाध्यक्ष, अंशू पाठक जिला महामंत्री, निखिल शर्मा जिला मंत्री, आशीष चौबे जिला मंत्री, अमन तिवारी युवा जिला अध्यक्ष, अंकित राजपूत नगर अध्यक्ष उरई, अनिल श्रीवास्तव, नीरज श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।