कोंच/जालौन। कोविड के साए में जारी कोंच की अनुष्ठानी रामलीला के 168वें महोत्सव में सोमवार की रात राम प्राकट्य लीला के पाठीय प्रसंग में प्रभु श्रीराम का अनुजों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न सहित अवतरण हुआ। चारों भाइयों की आरती उतारी गई और बधाइयां गाईं गईं। मंगलवार की दोपहर परंपरानुसार भगवान राम औैर लक्ष्मण के सजीव श्रीविग्रह रामकुंड पर गए और वहां अनुष्ठान करने के पश्चात् मारकंडेयश्वर महादेव तथा कालेश्वर मंदिरों में गए जहां उन्होंनेे भगवान शिव का पूजन कर आरती उतारी।
धर्मादा रक्षिणी सभा द्वारा संचालित रामलीला की दूसरी लीला रामजन्म का शुभारंभ सीनरी विभाग के पवन अग्रवाल द्वारा गणेश जी की आरती से हुआ। कोरस गायन के पश्चात् प्रारंभ हुए पाठीय प्रसंग में बताया गया कि किस तरह घोर तपस्या करके मनु और शतरूपा ने भगवान नारायण को प्रसन्न करके इच्छित वर में परमात्मा को ही अपने पुत्र रूप में प्राप्त करने का वरदान मांग लिया। त्रेता युग में मनु और शतरूपा दशरथ और कौशल्या के रूप में आए।
इधर, लंकाधिपति दसग्रीव रावण और उसके अनुचर राक्षसों के बढते पापाचारों और अत्याचारों से आहत होकर पृथ्वी गाय का रूप धारण कर देवताओं और ऋषि मुनियों की शरण में जाती है और सभी मिल कर परमात्मा श्रीहरि का स्तवन करते हैं। भगवान विष्णु ने उनकी विनय सुन कर अयोध्या नरेश दशरथ के यहां अपने चार अंशों के साथ राम, भरत, लक्ष्मण और रिपुदमन के रूप में अवतार धारण किया। पाठ गायन में वीरेंद्र त्रिपाठी रहे, व्यासजी की भूमिका में अमित नगाइच रहे जबकि ऑर्गन पर राधारमण गुबरेले और ढोलक पर राजेश कनासी संगत कर रहे थे।
धर्मादा कोषाध्यक्ष नवनीत गुप्ता, रामलीला समिति के अध्यक्ष प्रतीक मिश्रा, उपाध्यक्ष पुरुषोत्तमदास रिछारिया, मंत्री संजय सोनी, कोषाध्यक्ष विजय गुप्ता, अभिनय विभाग के संरक्षक सुधीर सोनी, अध्यक्ष रमेश तिवारी, मंत्री डॉ. मृदुल दांतरे, ऋषि झा, ध्रुव सोनी, मारुतिनंदन लाक्षकार आदि व्यवस्थाओं में रहे।