– मथुरा प्रसाद महाविद्यालय कोंच के तत्वाधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार संपन्न
– ‘वर्तमान परिदृश्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ विषयक वेबिनार में समाधान बुद्धि जीवियों ने रखे विचार कोंच। मथुरा प्रसाद महाविद्यालय के तत्वाधान में गूगल मीट प्लेटफार्म के माध्यम से ‘वर्तमान परिदृश्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें देेश भर के बुद्धि जीवियों नेे अपनेे विचारों के माध्यम से शिक्षा नीति की कमियों और उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. टीआर निरंजन के संरक्षकत्व तथा मुख्य अनुशासन अधिकारी राघवेंद्र सिंह के संयोजकत्व में संपन्न इस वेब संगोष्ठी की मुख्य अतिथि झांसी क्षेत्र की क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. संध्या रानी रहीं जबकि इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र सिंह ने वेबिनार के आयोजन सचिव के रूप में अपने कर्तव्यों का बेहतर निर्वहन किया।
मुख्य वक्ता के रूप में श्री लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जयशंकर तिवारी ने अतिथि वक्ता के रूप में संपूर्ण राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सारगर्भित शब्दावली में प्रस्तुत किया। उन्होंने औपचारिक शिक्षा के सभी स्तरों प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किए गए प्रावधानों पर विस्तार से प्रकाश डाला। वृजवल्लभ सिंह सेंगर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की चुनौतियों और संभावनाओं पर चर्चा करते हुए अपने सृजनात्मक सुझाव दिए। उन्होंने नीति और नियत दोनों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक बताया। संचालन मथुरा प्रसाद महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष सुधीर कुमार अवस्थी ने किया। मुख्य वक्ता डॉक्टर बुद्ध सिंह ने सन् 2020 को भारतवर्ष के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए इसे रामराज्य की परिकल्पना से जोड़ा। उन्होंने कहा कि यही वह वर्ष है जिसमें राम मंदिर की आधारशिला रखी गई और इसी वर्ष राष्ट्र को पुन: विश्व गुरु बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के रूप में एक महत्वपूर्ण कदम रखा गया है। उन्होंने मूल्य आधारित शिक्षा पर बल देते हुए शिक्षा के व्यापक उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। डॉ. ओमप्रकाश यादव, महेंद्रनाथ मिश्र, डॉ. विजय विक्रम सिंह, डॉ. हरिश्चंद्र तिवारी, भूपेंद्र त्रिपाठी, डॉ. स्वराज्य मणि अग्रवाल, डॉ. मनोज कुमार तिवारी, वंदना अग्रवाल, डॉ. मधुरलता द्विवेदी, डॉ. राकेश कुमार वर्मा, अल्पना सिंह, अक्षयवर नाथ मिश्र, हरिमोहन पाल, सुनील निरंजन, राजेश अग्रवाल, दीपक सचान आदि सहयोग कर रहे थे।