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दो अलग अलग मामलों में मिट्टी के टीले धंसकने से तीन की मौत

राजीपुरा में एक महिला और एक किशोरी की दब कर मौत
खजुरी में भी टीला धंसने से घायल हुई महिला को समय से इलाज नहीं मिलने के कारण हुई मौत
नदीगाँव/जालौन। नदीगांव थाना क्षेत्र के ग्राम राजीपुरा में मिट्टी खोदने के दौरान अचानक टीला धंसक गया जिसमें दब कर एक महिला और एक किशोरी की मौत हो गई। जब काफी देर तक दोनों घर नहीं लौटीं तो घरबालों ने उनकी तलाश शुरू की। टीला धंसका देख ग्रामीणों ने जब मिट्टी हटाई तो दोनों के शव उसमें दबे मिले। एक अन्य मामले में समय से उपचार नहीं मिल पाने के कारण गुरुवार को नदीगांव क्षेत्र में ही एक और महिला की मौत हो गई। मिट्टी का टीला धंसकने से महिला मलबे में दब कर घायल हो गई थी।
बुधवार की देर शाम नदीगांव थाना क्षेत्र के ग्राम राजीपुरा में 38 वर्षीय मंजेशी पत्नी मनोज कुमार जाटव व 14 वर्षीय किशोरी लाली पुत्री विक्रम जाटव अपने कच्चे घर की मरम्मत के लिए मिट्टी खोदने गई हुई थीं। इसी बीच मिट्टी का टीला अचानक धंसक गया और महिला तथा किशोरी मिट्टी में दब गई जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। चूंकि जब यह घटना घटी तब मौके पर कोई मौजूद नहीं था सो बचाव कार्य भी नहीं किए जा सके लेकिन जब काफी देर तक दोनों नहीं लौटी तो परिजनों को उनकी चिंता हुई और उन्होंने उनकी तलाश शुरू कर दी। काफी खोजबीन की लेकिन उनका कोई अता पता नहीं चला। तभी किसी की नजर धंसके मिट्टी के टीलेेे पर गई तो ग्रामीणों ने मिट्टी खोदनी शुरू की और मलबे के नीचे दबे दोनों के शव दिखाई दिए, शवों को बाहर निकाला गया लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों ने पुलिस को भी सूचना दी जिस पर एसएचओ रूपकृष्ण त्रिपाठी दल बल के साथ मौके पर पहुंच गए थे। दोनों घरों में कोहराम मचा है, परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।
नदीगांव थाना क्षेत्र के ही ग्राम खजुरी में भी टीला धंसने से मौत हो जाने का मामला सामने आया है। 55 वर्षीय महानता देवी पत्नी नेतराम पाल मिट्टी खोदने गई थी कि अचानक टीला धंसक गया जिसके मलबे के नीचे दब कर वह घायल हो गई। सुबह 9 बजे उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नदीगांव में ले जाया गया। वहां कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिला। ग्राम खजुरी के फूलसिंह ने बताया कि कोई भी डॉक्टर उपास्थित नहीं मिला, जब उसने इस स्थिति को लेकर थोड़ा हो हल्ला किया तब एक डॉक्टर ने दरवाजा खोला और कहा कि वहीं जाकर बैठो। तकरीबन आधे घंटे बाद भी जब कोई डॉक्टर नहीं आया तो महिला ने दम तोड़ दिया। अस्पताल लाने वालों फूलसिंह, देवेंद्र पाठक, कमलेश सिंह नंदराम, लल्लू राम, विनोद, संजय अक्षय आदि लोगों का कहना है कि अगर समय से उपचार मिल जाता तो महिला की जान बचाई जा सकती थी।

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