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कोरोना काल में ई-संजीवनी एप से घर बैठे मिल रहीं स्वास्थ्य सेवाएं

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के जरिये भी ले सकते हैं इस सेवा का लाभ
ई-संजीवनी एप के जरिये इलाज के मामले में जालौन प्रदेश में दूसरे स्थान पर
उरई/जालौन। कोरोना काल में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से संचालित की जा रही ई संजीवनी एप का लाभ बड़ी संख्या में जिले के ऐसे लोग उठा रहे हैं, जो अस्पताल जाने में असमर्थ है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तैनात सीएचओ भी अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाते हुए समुदाय के लोगों को इस पस एप के जरिये लाभ दे रहे हैं। एसीएमओ व नोडल अधिकारी डा. बीएम खैर ने बताया कि जिले के लिए कोरोना काल में यह एप काफी सफल साबित हो रही है।
जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम) डा. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि कोरोना काल में घर के नजदीक ही मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए जिले में करीब 50 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में ई संजीवनी एप के माध्यम से घर बैठे ही मरीजों को स्वास्थ्य परामर्श एवं सेवाएं दी जा रही है। गोरखपुर, बनारस, केजीएमयू लखनऊ, एसजीपीआई लखनऊ और मेडिकल कालेज झांसी के विशेषज्ञ डाक्टरों के माध्यम से भी मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं और उचित परामर्श मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पहले लोगों को ई-संजीवनी एप के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (उप केंद्र) में तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) ने लोगों को ई-संजीवनी एप के लाभ बताते हुए उनके मोबाइल में एप डाउनलोड कर स्वास्थ्य सेवाएं लेने का अभियान चलाया। जिससे अब बड़ी संख्या में लाभार्थी अपने घर बैठे ही इस सेवा का लाभ ले रह हैं। कदौरा ब्लाक के चमारी में तैनात सीएचओ भारती ने बताया कि पहले लोग ई-संजीवनी एप की सेवा के नाम पर कई सवाल करते थे। लेकिन जब उन्हें समझाया गया तो कई लोगों ने इस सेवा का लाभ लिया। रोजाना 10 से 15 लोग ई संजीवनी एप को डाउनलोड कर इसका लाभ ले रहे हैं। चमारी गांव के तीस वर्षीय लाभार्थी रवि ने बताया कि अब हमें आसानी से सुविधाएं घर के नजदीक ही मिल रही है।
इलाज के मामले में जालौन प्रदेश में दूसरे स्थान पर –
जपाइगो संस्था के कार्यक्रम अधिकारी डाक्टर विकास ने बताया कि ई-संजीवनी एप का जिले के लोग भरपूर लाभ उठा रहे है। इसका नतीजा है कि ई-संजीवनी एप के इलाज के मामले में प्रदेश में दूसरा स्थान चल रहा है। पिछले महीने जिले का पांचवा स्थान था लेकिन अक्टूबर में छलांग लगाकर दूसरा स्थान हासिल किया है। मेरठ 12274 ओपीडी के साथ पहले स्थान पर है। जबकि 7639 ओपीडी के साथ जालौन दूसरे स्थान पर चल रहा है।

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