– सरकार के विद्यालयों को खोलने के निर्णय का किया स्वागत उरई। कोरोना के चलते केंद्र सरकार ने सभी स्कूलों को बंद कर दिया था और आनलाइन शिक्षा प्रणाली की शुरूआत भी करा दी थी लेकिन आनलाइन शिक्षा कुछ हद तक ही सफल साबित हुई। अनलाक-5 में सरकार ने विद्यालय खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं तो वहीं स्कूल प्रबंध तंत्रों को भी दिशा निर्देश दिए गए हैं कि किस तरीके से विद्यालय में पढ़ाई कराई जाए। मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य बताया गया है।
हालांकि एेसे में एक ओर जहां विद्यालय प्रबंध तंत्र छात्रों की संख्या देखते हुए खुद नहीं समझ पा रहा है कि किस तरीके से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाएगा तो वहीं अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। शिक्षक नेता एवं एसआर ग्रुप के प्रबंधक अशोक राठौर ने कहा कि अनलाक-5 में सरकार द्वारा विद्यालयों को खोलने का निर्णय स्वागत योग्य है परंतु यहां पर सभी को बहुत संवेदनशीलता से कार्य को अंजाम देने की आवश्यकता है। सब कुछ खुलने के बाद विद्यालय बंद होने से विद्यार्थियों को बहुत नुकसान हो रहा है और साधन संसाधनों के अभाव में वह आनलाइन शिक्षा से पढ़ाई की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में स्कूल खोलना तो उचित है परंतु सरकार के द्वारा जारी की गई एसओपी का पालन करना उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि विद्यालय भेजने से पूर्व अभिभावकों एवं बच्चों को यह तय करना होगा कि वह विद्यालय जाते समय मास्क, हैंड सेनेटाइजर, टिफिन, पानी की बोतल लेकर जा रहा है और कैंपस में पहुंच जाने के बाद यदि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पूरी तरह से होगा तो हमें विश्वास है कि बच्चे स्वस्थ रहते हुए अपने शिक्षा के कार्य को आगे बढ़ा पाएंगे। इस कार्य में प्रत्येक बच्चे को भी पूरी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा केवल शिक्षकों या प्रधानाचार्य के ऊपर अकेले जिम्मेदारी डाल देने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता। अत: समस्त अभिभावकों से अपेक्षा होगी कि इन नौनिहालों के भविष्य की चिंता करने हेतु सरकार की गाइड लाइन में जारी एसओपी का पूरा पालन करते हुए सहमति पत्र के साथ बच्चों को विद्यालय भिजवाएं जिससे कि बच्चों की शिक्षा के साथ साथ उनका स्वास्थ्य भी उत्तम रहे।