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किसान बिल अध्यादेश के विरोध में अखिलेश यादव युवा मंच ने दिया ज्ञापन

जालौन। अखिलेश यादव युवा मंच के जिलाध्यक्ष ने किसान बिल अध्यादेश 2020 को किसान विरोधी बताते हुए सरकार से किसान बिल को वापस लेने की मांग करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है।
अखिलेश यादव युवा मंच के जिलाध्यक्ष डॉ. विनय कुमार ने राष्ट्रपति को संबोधित 13 सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम गुलाब सिंह को सौंपकर बताया कि 17 सितंबर को केंद्र सरकार ने ध्वनि मत से कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और अरलीकरण) विधेयक 2020 एवं कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषक सेवा करार विधेयक 2020 पारित कराया है। इसके अलावा आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक भी पारित हो चुका है। उन्होंने उक्त विधेयकों को किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उक्त बिलों के लागू होने से किसान आपने ही खेत में मजदूर बनकर रह जाएगा। कांट्रेक्ट फॉर्मिंग अन्य देशों में फेल हो चुकी व्यवस्था है। इससे कॉरपेरेटों को तो फायदा होगा लेकिन किसान घाटा उठाने को मजबूर होगा। बिलों में किसानों को (न्यूनतम समर्थन मूल्य) एमएसपी की भी गारंटी नहीं दी जा रही है। इससे कॉरपोरेट घराने मनमर्जी के दामों पर किसानों की उपज खरीदेंगे। किसान और कंपनी के बीच विवाद होने पर किसान न्यायालय की भी शरण नहीं ले सकेगा। मंडी भी बंद होने की कगार पर आ जाएंगे। अपने यहां अधिकांश लघु किसान हैं ऐसे में वह अपनी एक या दो बीघा फसल को अपने संसाधनों से कहां ले जाकर फसल को बेचेगा। यदि कहीं 100-50 रुपये अधिक मिल भी रहे हों तो उससे अधिक तो वह भाड़ा दे बैठेगा। इसी प्रकार अवैध भंडारण को भी बढ़ावा मिलेगा। जो कॉरपोरेटों के लिए फायदे का सौदा साबित होगा। कुल मिलाकर कहा जाए तो यह बिल किसानों के लिए छलावा मात्र है। इसलिए सरकार को इन बिलों को तत्काल वापस लेने की मांग उन्होंने राष्ट्रपति के माध्यम से केंद्र सरकार से की है।

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