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कटौती पांच घंटे की फिर भी सिर्फ तेरह घंटे मिलती बिजली

प्रचंड गर्मी में लोगों को छूटता पसीना
ऑनलाइन पढ़ाई में भी छात्र छात्राओं को दिक्कत
आटा/जालौन। भीषण गर्मी में जहां एक ओर ग्रामीण परेशान हैं वहीं दूसरी तरफ बिजली विभाग द्वारा की जा रही अघोषित कटौती ने लोगों की दिक्कत बढ़ा दी है। अंधाधुंध कटौती की समस्या सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में है। पांच घंटे की बिजली कटौती है लेकिन आटा गांव में सिर्फ तेरह घंटे बिजली मिल रही है। बाकी की बिजली कटौती क्यों की जाती है शायद ही किसी को इसकी सही जानकारी हो। बिजली की आंख मिचौली के खेल से आटा के ग्रामीणों में बिजली विभाग के प्रति रोष है।
कस्बा आटा निवासी अरविंद शुक्ला, मोहित वर्मा, नाथूराम, बाबूराम, काशीराम, बच्चे, गुड्डू पांडेय, शिवशंकर, गोविंद आदि लोगों ने बताया कि बिजली कटौती का आलम यह है कि यहां मामूली हवा का झोंका आते ही गांव की बिजली बंद कर दी जाती है। पूछने पर एक ही जवाब मिलता है कि ऊपर से बंद है। इसके बाद फोन स्विच आफ कर लिया जाता है। फिर जब लाइट आती है तभी मोबाइल भी खुलता होता है। बिजली की कटौती के कारण इस गर्मी के मौसम में स्कूली छात्रों को भी काफी परेशानी हो रही है। गांवों की पेयजल व्यवस्था का भी बुरा हाल है। इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार विभागीय अधिकारियों को भी शिकायत की है लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
ऑनलाइन पढ़ाई में बाधा बन रही बिजली कटौती
कस्बा आटा निवासी विनायक एकेडमी उरई की छात्रा अनन्या शुक्ला ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई में बिजली की कटौती आड़े आ रही है। भीषण गर्मी से पढ़ाई में भी मन नहीं लगता।
कभी ट्रांसफार्मर में आग, तो कभी टूटे तार
आटा कस्बा निवासी मोहित वर्मा का कहना है कि जब बिजली की रोस्टिंग का समय होता है तो एक भी बार बीच में बिजली नहीं आती है और जब बिजली आने का समय होता है तो आने के बीस मिनट बाद फिर चली जाती है। जब पूछो तो कहा जाता है कि कहीं फाल्ट हो गया है या फिर ट्रांसफार्मर खराब हो गया। इसके बाद फोन बंद कर दिया जाता है।

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