उरई/जालौन। स्कूल छोड़ चुकी चार किशोरियों का डकोर ब्लाक के ग्राम मड़ोरा स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में बाल विकास परियोजना अधिकारी विमलेश आर्या ने दाखिला कराया है। यह सभी बालिकाएं घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने और परिवारीजनों के सहयोग न मिलने के कारण पढ़ायी छोड़कर घर बैठ गई थी। आंगनबाड़ी कर्मचारियों के माध्यम से सूचना मिलने पर बाल विकास परियोजना अधिकारी ने आंगनबाड़ी सुपरवाइजर संग उनके घर जाकर परिवारीजनों को समझाया और उन्हें स्कूल में प्रवेश दिलाया।
शहर के मोहल्ला पटेलनगर निवासी काजल चौधरी, नया रामनगर निवासी निशा पांचाल, राधिका गौतम एवं कांशीराम आवासीय कालोनी निवासी रागिनी वर्मा परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण पढ़ाई बीच में ही छोड़कर घर के काम में हाथ बंटाने लगी थी। जब इसकी जानकारी पटेलनगर की आंगनवाड़ी कार्यकत्री मीना वर्मा, रामनगर की आंगनवाड़ी कार्यकत्री मधुलता और कांशीराम कालोनी की आंगनवाड़ी कार्यकत्री ब्रह्मा को मिली तो वह उन किशोरियों के घर गई और उनके परिजनों को समझाया बुझाया। इसके बाद सीडीपीओ विमलेश आर्या भी उनके घर पहुंची और उन्हें स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया।
सीडीपीओ ने बताया कि काजल और राधिका गौतम तीन से चार साल से स्कूल नहीं जा रही थी। वे अपनी ननिहाल में रहती थी। उनके परिजनों ने आर्थिक स्थिति ठीक न होने की बात कही लेकिन समझाने पर मान गई। उन चारों किशोरियों का मड़ोरा स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में दाखिला करा दिया गया है।
सर्वे में 77 किशोरियां स्कूल छोड़ चुकी –
सीडीपीओ ने बताया कि सर्वे में शहर में ऐसी 77 किशोरियां मिली है जो आर्थिक हालत और अन्य कारणों से स्कूल छोड़ चुकी है। ऐसी किशोरियों को स्कूलों में दाखिला दिलाया जा रहा है। इस महीने के अंत तक सभी का स्कूलों में एडमीशन करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ किशोरियां अच्छे स्कूलों में पढऩा चाहती है ऐसे में उनके लिए खंड शिक्षा अधिकारी से भी बात की जा रही है।