– सालों सेे पानी की टंकियों की सफाई नहीं हुई, शौचालयों में भी गंदगी की भरमार
– बाहर से आनेे बाले ट्रक ड्राइवरों और हैल्परों को भी होती है दिक्कत कोंच/जालौन। करोड़ों की लागत से बनी नवीन सब्जी मंडी में हर तरफ अव्यवस्थाओं का बोलबाला है जिसके कारण न केवल स्थानीय सब्जी व्यापारियों बल्कि बाहर से सब्जी लाद कर आने बाले ट्रकों के ड्राइवरों और हेल्परों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सब्जी मंडी में बनी पानी की टंकियों की साफ सफाई सालों से नहीं हुई है, कमोवेश यही आलम है वहां बने शौचालयों का जिनमें गंदगी की भरमार होने के कारण उनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। कोविड को लेकर चलाए जा रहे सफाई अभियान का भी कोई असर सब्जी मंडी में दिखाई नहीं दे रहा है।
बर्ष 2013 में नवीन थोक सब्जी मंडी प्रारंभ हुई थी जिसमें सैकड़ों लाइसेंस धारक सब्जी व्यापारी रोजाना काम करते हैैं। रविवार को जब वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेने संवाददाता पहुंचा तो सब्जी व्यापारी फट पड़े और उन्होंने वहां की अव्यवस्थाओं का कच्चा चिट्ठा सुनाते हुए बताया कि करोड़ों की लागत से बनी इस मंडी में लाखों की लागत से व्यापारियों की सुविधा के लिए तीन पानी की टंकियां बनवाई गई थी और चार शीट के एक शौचालय का भी निर्माण कराया गया था। टंकियों की साफ सफाई सालों से नहीं होनेे के कारण उनका पानी पीने लायक ही नहीं है। शौचालय का रखरखाव ठीक ढंग से नहीं होनेे के कारण वहां गंदगी का साम्राज्य है जिसके चलते लोग उसका इस्तेमाल ही नहीं कर पा रहे हैं। शौचालय में नल फिटिंग ध्वस्त हो चुकी है। इन अव्यवस्थाओं के चलते स्थानीय सब्जी व्यापारी तो परेशान हैं ही, जो बाहर से ट्रक सब्जियां लाद कर आते हैं उनके ड्राइवरों और सहयोगी स्टाफ को भी भारी दिक्कतें होती हैं। इस बाबत मंडी सचिव मलखान सिंह का कहना है कि समय समय पर सफाई कराई जाती है, अगर व्यापारी लिख कर दें तो वहां परमानेंट एक कर्मचारी की ड्यूटी लगा दी जाएगी जिससे सफाई व्यवस्था ठीक बनी रहेगी। टंकियां कवर्ड हैं इसलिए इनकी सफाई हो पाना संभव नहीं हो पाता है। ओवरहैड में समय पर ब्लीचिंग डलवा दी जाती है।
भले ही चार्ज लग जाए लेकिन सुविधा तो मिले –
सब्जी व्यापारी हबीब अहमद का कहना है कि उन्हें रोज कई घंटे मंडी में गुजारने होते हैं और इस दौरान शौचादि भी जाना पड़ सकता है और पेयजल की भारी असुविधा है। कई दफा मंडी प्रशासन का ध्यान इस तरफ खींचने का प्रयास किया गया लेकिन स्थिति जस की तस है। उनका कहना है कि भले ही मंडी प्रशासन सुविधाएं देने के लिए कुछ जार्च लेने लगे लेकिन सुविधाएं तो मुहैया कराएं।
वाहन बालों को होती है परेशानी –
ट्रांसपोर्टिंग का काम देख रहे राहुल शर्मा का कहना है कि सब्जी मंडी में दर्जनों ट्रक और छोटे लोडर रोजाना आते हैं और उनके स्टाफ को नहाने धोने तथा पीने के लिए पानी की भी जरूरत पड़ती है लेकिन मंडी में न तो पानी ही उपलब्ध हो पाता है और न ही फारिग होने की कोई समुचित व्यवस्था है क्योंकि गंदे होने के कारण शौचालय में जाना मुश्किल है। ऐसे में कितनी दिक्क्त होती है यह समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है।
कोंच मंडी में दिक्कतों को दूर करने के उपाय हों –
उरई निवासी सब्जी व्यापारी शहजाद कोंच का बाजार करने रोज ही आता है। उसका कहना है कि यहां सबसे बड़ी दिक्कत शौचालय की सुविधा नहीं होना है और इससे बाहरी लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं। सरकार के पोस्टर और बैनर्स में स्वच्छता स्वच्छता लिखा तो खूब दिखाई देता है लेकिन धरातल पर इसकी हकीकत परखनी हो तो कोंच की सब्जी मंडी में पसरी गंदगी से देेखी जा सकती है।