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सब्जी मंडी में अवैध कब्जे हटानेे गए अधिकारियों से भिड़े सब्जी दुकानदार

डायरेक्टर मंडी परिषद् के आदेश पर कब्जे हटाने गए थे नायब तहसीलदार व मंडी सचिव
कोंच/जालौन। नवीन सब्जी मंडी में अवैध रूप से नीलामी चबूतरे पर कब्जा जमाए लोगों को हटाने गए अधिकारियों की कब्जा धारक दुकानदारों से जमकर नोंकझोंक हुई। हालांकि पुलिस बल के दम पर कब्जे धारकों को वहां से खदेड़ तो दिया गया लेकिन काम निपटा समझ पुलिस नदारत हो गई और कब्जे धारक अधिकारियों पर हावी हो गए तथा दोबारा से वहां अपने कब्जे जमा लिए। बाद में नायब तहसीलदार ने जब धमकाया कि अगर कब्जे नहीं हटाए तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी जिसके चलते कब्जे धारक वहां से हट गए। इस बीच उन लोगों की अधिकारियों से जमकर तू तू मैं मैं हुई। एक दुकानदार की ही शिकायत पर डायरेक्टर मंडी परिषद् के आदेश पर नायब तहसीलदार संजय और मंडी सचिव मलखान सिंह पुलिस बल के साथ कब्जे हटानेे गए थे।
जानकारी के मुताबिक नवीन सब्जी मंडी में 22 दुकानदारों को नीलामी चबूतरे पर फट्टों का आवंटन किया गया था जिसमें से तीन आवंटन कुछ समय बाद कुछ कमियों के चलते निरस्त कर दिए गए थे। इन्हीं में से एक आवंटी ने मंडी परिषद् के डायरेक्टर के यहां शिकायत की थी कि नंबर 10 फट्टे पर अब्दुल रहमान की फर्म शानू एंड कंपनी का अवैध कब्जा है जिसे हटवाया जाए। हालांकि बताए गए फट्टे के पास ही कुछ और लोगों का भी अवैध कब्जा बताया गया था। इसी शिकायत पर डायरेक्टर ने मंडी समिति को निर्देशित किया था कि अवैध कब्जा हटवाया जाए। नायब तहसीलदार संजय और मंडी सचिव मलखान शनिवार को पुलिस बल साथ लेकर कब्जा हटवाने गए थे जहां उन्हें कब्जा धारकों का जबर्दस्त विरोध झेलना पड़ा। कब्जे धारक वहां से हटने को कतई तैयार नहीं थे लिहाजा अधिकारियों को बल प्रयोग करना पड़ा और पुलिस ने वहां से कब्जे हटवा दिए। इसके बाद पुलिस वहां से पुलिस चलती बनी और कब्जे धारक अधिकारियों पर हावी हो गए तथा उनके साथ जमकर नोंक-झोंक हुई और हटाया गया सामान फिर से फट्टों पर जमाने लगे। अधिकारियों ने सूचना देकर दोबारा से पुलिस को बुलवाया और जब कब्जे धारकों को धमकाया गया कि अगर नहीं हटे तो उनकी एफआईआर कराई जाएगी। इसके बाद ही कब्जे धारक वहां से हटे। मंडी सचिव मलखान सिंह ने बताया है कि नीलामी चबूतरे पर 22 लोगों का आवंटन हुआ था जबकि तीन फट्टों पर दुकानदार अवैध रूप से जमेे थे जिन्हें उच्चाधिकारियों के आदेश पर हटाने गए थेे। उन्होंने यह भी बताया कि शासनादेश के मुताबिक नीलामी चबूतरे पर फट्टों का आवंटन नहीं किया जा सकता है जिसकी रोशनी में 18 अन्य फट्टा आवंटियों को भी खाली करने के नोटिस 1 जुलाई को दिए गए हैं जिसमें पंद्रह दिन में जबाब मांगा गया है।
पुलिस के नदारत होने पर होमगार्डों ने संभाला मोर्चा –
शनिवार को नवीन सब्जी मंडी में अधिकारियों के साथ अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस अपना काम खत्म मान कर जिस तरह से मौका छोड़ गई थी उस स्थिति में अधिकारियों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा क्योंकि हटाए जा चुके कब्जे धारक पुलिस के जाते ही फिर से अपना सामान जमाने लगे और अधिकारियों के साथ मुंहजोरी भी की। ऐसी स्थिति में नायब तहसीलदार के अंगरक्षक होमगार्डों को मोर्चा संभालना पड़ा। बाद में अधिकारियों को फिर से पुलिस को बुलाना पड़ा तब कहीं जाकर मामला पटरी पर आ सका।
मामले में पेंच ही पेंच हैं –
हालांकि इस पूरे मामले में तमाम पेंच भी हैं, एक तरफ मंडी प्रशासन इन लोगों को अवैध कब्जाधारक बता रहा है लेकिन दूसरी तरफ दुकानदारों का कहना है कि वह बाकायदा आवंटी हैं। अब्दुल रहमान कहते हैं कि वह साल 2014 से मंडी को 275 रुपया प्रति माह किराया अदा करते रहे हैैं जिसकी रसीदें भी उनके पास हैं, लेकिन बाद में मंडी ने 2016 से किराया लेना बंद कर दिया, मंडी प्रशासन किस बिनाह पर इसे अवैध कब्जा कह सकता है। बड़ा सवाल यह है कि किसके आदेश पर इन फट्टों का आवंटन किया गया इसका कोई लेखाजोखा मंडी दफ्तर में भी नहीं है।

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