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कोंच में बड़े हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं खुले पड़े सीवर चैंबर

बड़ी मुश्किल से बची प्रताप नगर के चैंबर में गई गाय की जान
लाजपत नगर में राहगीरों की मुसीबत बना है खुला चैंबर
कोंच/जालौन। बेपरवाह जिम्मेदारों के बजह से कस्बे के कई खुले पड़े सीवर चैंबर हादसों को खुला आमंत्रण दे रहे हैं। प्रताप नगर में महीनों से खुले पड़े सीवर चैंबर में रात के अंधेरे में एक गाय समा गई थी जिसे इलाकाई लोगों ने बड़ी मुश्किल से बाहर निकाल कर उसकी जान बचा पाई।
लाजपत नगर की संकरी गली में साल भर से खुला पड़ा चैंबर बेशुमार गंदगी सड़क पर बिखेर रहा है और वहां से गुजरने बाले राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बना है। इलाकाई लोग कई बार शिकायतें कर अधिकारियों को अगवत करा चुके हैं लेकिन शिकायतों का कोई असर अधिकारियों पर नहीं हुआ और समस्या आज भी जहां के तहां बनी हुई है।
उधर, गांधीनगर और गोखलेनगर के संयुक्त इलाके में संघ के नगर संघ चालक नरोत्तमदास स्वर्णकार के घर के पास सीवर के पाइप चोक हो जानेे केे कारण चैंबर लबालब हो गए हैैं और सीवर की गंदगी लैट्रिन शीटों तक पहुंच गई है। दिन-ब-दिन कस्बे में खुले पड़े सीवर चैंबरों की बड़ी समस्या ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। कस्बे के लवली चौराहे के पास प्रताप नगर में गल्ला व्यापारी रामसेवक सोहाने के घर के पास बने सीवर चैंबर में पिछले कई महीनों से ढक्कन नहीं है जिससे वह खुला पड़ा है।
बीते दिनों उक्त चैंबर में रात के अंधेरे में अचानक एक गाय गिर कर बुरी तरह घायल हो गई थी। गनीमत रही कि गाय का सिर ऊपर था और उसके रंभाने की आवाज सुनकर आस पास के लोग दौड़ पड़ और बमुशिकल उसे सीवर से बाहर निकाला गया। मोहल्ले के सचिन बगिया वाले, अनूप याज्ञिक, बल्लू, रामबिहारी, हरदास सोनी, रामचरन, अमरीश सोनी, ऋषभ अग्रवाल, नारायणदास सोनी, बंटी सोनी, राजा अग्रवाल, राहुल दांतरे, नीतू वाजपेयी, संजू सोनी आदि इस समस्या को लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया।
इधर लाजपत नगर में उफना रहा सीवर चैंबर साल भर से इलाके को दुर्गंध से भर रहा है जिससे इलाकाई लोग खासे परेशान हैं। संकरी गली में राहगीरों का निकलना मुश्किल है। इलाके के रामबिहारी गुप्ता, नासिर खान, विमलेश अग्रवाल, मुन्ना व्यास, बंटी एट बाले, हरिओम सक्सेना, रामकुमार गोस्वामी, छोटे राठौर, रमेश सक्सेना, आकाश, भूपेंद्र आदि का कहना है कि सीवर चैंबर की मरम्मत करा कर उठाया जाए जिससे गड्ढे में तब्दील चैंबर से लोगों को छुटकारा मिल सके। उन्होंने बताया कि कई बार संबंधित विभाग में जा कर शिकायत कर चुके है लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है।
धंधे में रोड़ा बना है सीवर का गड्ढा –
तिलक नगर का रहने बाला भूपेंद्र कुशवाहा एक गरीब परिवार से है। हाथ ठेला लगा कर परिवार की गाड़ी खींच रहा है लेकिन धंधे में रोड़ा बने इस सीवर चैंबर के गड्ढे के कारण उसका ठेला निकलना मुश्किल है। रोजाना गड्ढे तक परिवार का एक सदस्य मदद के लिए साथ लाना पड़ता है और जोखिम उठा कर गड्ढा पार करते हैं।
बच्चों का खेलना बंद करा दिया खुले चैंबर ने –
प्रताप नगर के निवासी बुजुर्ग रामविहारी दीक्षित इस खुले पड़े सीवर चैंबर से खासे परेशान हैं। उनका कहना है कि जब से सीवर का ढक्कन टूटा है तब से इलाके के बच्चों ने घर के बाहर खेलना बंद कर दिया है। बड़े बूढे तक देर सबेर निकलने में परहेज कर रहे हैं। बीच सड़क में बने इस मौत के गड्ढे ने लोगों की चिंता बढा कर रख दी है।
आज गाय गिरी, कल इंसान भी गिर सकता है –
इलाके के सचिन बगिया बाले बताते हैं कि आज सीवर चैंबर में एक वेजुबान गाय गई है जिसे मोहल्ले के लोगों इकठ्ठा होकर किसी तरह बचा लिया है। कल को उसमें कोई इंसान या वाहन सवार भी जाकर हादसे का शिकार हो सकता है और अपनी जान भी गंवा सकता है तब कौन जिम्मेदार होगा।

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