– 95.20 फीसदी अंकों के साथ माही प्रथम, 94.40 प्रतिशत अंकों के साथ मधुर व दीक्षा दूसरे स्थान पर कोंच/जालौन। बुधवार को सीबीएसई बोर्ड के परीक्षा परिणामों नेे एक बार फिर सूरज ज्ञान की चमक बिखेरी, जैसे ही नतीजे आये बैसे ही सूरज ज्ञान मॉडर्न पब्लिक स्कूल के छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गयी। विद्यालय ने लगातार चार वर्षों से अपने बेहतरीन परीक्षा परिणामों का क्रम जारी रखा।
माही अग्रवाल पुत्री रामकुमार ने 95.20 प्रतिशत अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया तो वहीं मधुर टंडन पुत्र कपिल टंडन एवं दीक्षा अग्रवाल पुत्री राजीव अग्रवाल 94.40 फीसदी अंकों के साथ संयुक्त रूप से दूसरे पायदान पर रहे। आयुष सोनी, मासूमा सिद्दीकी, महक मित्तल, कुमुद शिवहरे, आदित्य हिंगवासिया, श्रेया स्वर्णकार, वैष्णवी सोनी, काव्या अग्रवाल, मान्या गुर्जर, प्रशांत खरे, शाश्वत तिवारी, मेघा निगम, विवेक कुशवाहा, स्नेहा सोनी, अनु राणा, निधिराज, मोहित पाल सहित सभी छात्र छात्राओं ने 80 प्रतिशत अंक से अधिक अंक प्राप्त किए।
परीक्षा परिणामों में शीर्ष 30 स्थान पर रहने वाले छात्रों को विद्यालय में बुलाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. गौरव जैन ने की, विद्यालय के प्रबंधक अंकुर यादव विशिष्ट अतिथि रहे। छात्रों को बधाई देते हुए डॉ. गौरव जैन ने कहा कि छात्रों की सफलता में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका उनके माता पिता की होती है जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। निश्चित रूप से अभिभावकों ने बच्चों को आगे बढने में सहयोग दिया है।
प्रबंधक अंकुर यादव ने छात्रों बधाई देते हुए कहा, यह सफलता की पहली सीढी है आगे सफर लंबा और डगर कठिनाइयों सेे भरी है जिसेे बिना थके, बिना रुके तय करना है तब तक जब तक कि लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए। इस दौरान विद्यालय के स्टाफ के प्रधानाचार्या मयूरी जैन, मनोहर प्रताप सिंह, राहुल चतुर्वेदी, अवनीश, रज्जन, प्रदीप पिपरैया, हिमांशु खरे, आशीष पटेल, एनडी सर, आशुतोष पटेल, अंकित निरंजन, सुरेन्द्र पटेल, मृदुल, प्रिया पाठक, अंजना, प्रवीण, शुभांशु, प्रशांत, जगमोहन कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।
परीक्षाफल के बाद सगी बहिनों के खिल उठे चेहरे –
बुधवार की दोपहर सीबीएसई बोर्ड के 10 वीं का परीक्षा फल आने के बाद भगतसिंह नगर की निवासी दो सगी बहनें साहिबा और जोया खान के चेहरे खिल उठे। दोनों ने अच्छे नम्बरों से मुकाम हॉसिल किया है। उन्होंने इस सफलता के पीछे अपने माता पिता और गुरुजनों की मेहनत को श्रेय दिया।