– कानूनगो व लेखपालों की टीम बनाकर होगी पैमाइस उरई/जालौन। मौरंग के भंडारणों में प्रशासन की नजर टेढ़ी दिखाई दे रही है क्योंकि जिस तरीके से प्रशासन तैयारी में है उससे साफ है कि माफियाओं ने भले ही मौरंग के डंपों में चालाकी दिखाई हो लेकिन उनकी चालाकी में पलीता लगाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है।
मालूम हो जिले में मौरंग के सभी खंडों को पिछले माह यानी 30 जून को बंद कर दिया गया था। आम आदमी को मौरंग की किल्लत न हो इसके लिए भंडारण के लाइसेंस जारी किए गए थे। जिले में भंडारण के कुल तैंतीस लाइसेंस दिए गए हैं। हालांकि इनके अलावा भी कई डंप लगे हुए हैं। इसी के साथ साथ जिन लोगों के लाइसेंस जारी हुए हैं उन्होंने भी लाइसेंस के मानक से अधिक मौरंग का भंडारण कर लिया है जिसमें सरकार के राजस्व की चोरी होगी। इसी चोरी को रोकने के लिए जिलाधिकारी ने संबंधित उपजिलाधिकारियों को आदेशित किया है कि किसी भी सूरत में मौरंग में राजस्व चोरी नहीं होनी चाहिए।
इसी को देखते हुए उपजिलाधिकारी ने खनन विभाग के अलावा कानूनगो व लेखपालों की टीम का गठन किया है जो मौरंग के स्वीकृत लाइसेंस में कितने घनमीटर मौरंग की परमीशन दी गई है इसका निरीक्षण करेगा फिर उसी हिसाब से टीम पैमाइस करेगी। उपजिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि खनिज विभाग से भंडारण के लाइसेंसों की सूची नहीं मिली है। जैसे ही सूची विभाग से प्राप्त होगी उसी दिन से मौरंग भंडारणों का निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण के लिए खनिज विभाग के अलावा राजस्व विभाग की टीम का गठन किया गया है जिसमें कानूनगो के अलावा उस क्षेत्र के संबंधित लेखपाल को रखा गया है जो भंडारण की पैमाइस करेंगे और अवैध भंडारणों को जब्त करने में सहायक होंगे।