लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने वैश्विक महामारी में कोविड-19 को देखते हुए अस्पतालों में कार्यरत नर्सेज, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, टेक्क्नीशियन एवं तकनीकी कर्मचारियों, जो 30 जून को सेवानिवृत्त हुए हैं या होने वाले हैं, उनकी सेवाओं को पुनर्नियुक्ति के रूप में जारी रखा जाए क्योंकि उनके हट जाने से कोरोना के मरीजों के इलाज में बाधा उत्पन्न होगी।
वैसे ही पैरामेडिकल के समस्त संवर्गो में काफी समय से नए पद सृजित नही हुए व रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति न हो पाने से भारी संख्या में पद खाली पड़े हैं। जिसकी वजह से कर्मचारियों को अवकाश तक मिलने में कठिनाई होती है साथ ही एक एक कर्मचारी को कई कर्मचारियों के हिस्से का काम भी करना पड़ रहा है। ये कर्मी अपनी जान की परवाह किये बगैर सेवा दे रहे हैं, सरकार द्वारा वर्तमान कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, कोरोना से बचाव और उपचार दोनों में ये कर्मी अनुभवी और निपुण हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश कुमार रावत एवं महामंत्री अतुल मिश्रा ने मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया है कि मध्य प्रदेश एवं राजस्थान सरकार में ऐसे कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष कर दी गई है। जनहित में यह सुझाव दिया है जो वर्तमान समय में नितांत आवश्यक है।