उरई/जालौन। उत्तर प्रदेश के माध्यमिक वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को मानदेय दिए जाने को लेकर माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार राठौर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौंपा गया।
ज्ञापन के माध्यम से अशोक राठौर ने बताया कि उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा में लगभग साढ़े चार हजार एडिड व पंद्रह सौ राजकीय विद्यालयों के सापेक्ष लगभग बाइस हजार विद्यालय संचालित हैं जिनमें कार्यरत लगभग साढ़े तीन लाख शिक्षक प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा के लगभग सतासी प्रतिशत परीक्षार्थियों को शिक्षित करते हैं। यह शिक्षक अपने विद्यालय में जमा होने वाले शुल्क से वेतन के रूप में बहुत ही कम पारिश्रमिक एवं व्यक्तिगत कोचिंग करके अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। पिछले छह माह से विभिन्न कारणों से विद्यालय बंद हैं और लाक डाउन के चलते विद्यालय में फीस न आने के कारण विगत मार्च माह से किसी को भी पारिश्रमिक नहीं दिया गया है। एेसी स्थिति में शिक्षकों का परिवार भीषण आपदा से गुजर रहा है। इस दरान बोर्ड परीक्षा के परिणाम एवं आनलाइन कक्षाओं के संचालन में भी वित्तविहीन शिक्षकों की भूमिका समाज एवं छात्रहित में रही। वित्तविहीन शिक्षकों की मांग को लेकर कई बार प्रदेश सरकार से गुजारिश भी की गई कि वित्तविहीन शिक्षकों को आर्थिक सहायता दी जाए। शिक्षक नेता अशोक राठौर ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार जल्द ही वित्तविहीन शिक्षकों की आर्थिक स्थिति के बारे में नहीं सोचती तो 10 जुलाई से उनका संगठन शिक्षकों की मदद से एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि शिक्षकों के उनके भरण पोषण हेतु अविलंब मासिक मानदेय की व्यवस्था की जाए एवं तात्कालिक सहायता हेतु कम से पंद्रह हजार रुपए प्रति शिक्षक एवं शिक्षणोत्तर कर्मचारी को राहत राशि उपलब्ध कराई जाए। ज्ञापन देने के दौरान संतोष कुमार गोस्वामी, अंशुल द्विवेदी, मनोज गुप्ता, सौरभ गुप्ता, सुखदेव पाल, जगमोहन सिंह, गजेंद्र सिंह चौहान, रमाकांत द्विवेदी, अरशद खान, बृजेश शाक्यवार, संतोषी, रामजी, आरके यादव, भारत सिंह आदि मौजूद रहे।