– स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद लगातार कर रहे थे कार्य लखनऊ। स्मार्ट सिटी की बैठक के दौरान उस वक्त अफरातफरी मच गई जब अचानक पुलिस आयुक्त सुजीत कुमार पांडे की तबीयत बिगड़ गई। बैठक के दौरान वह बेहोश हो गए। आनन-फानन में कमिश्नर को मेदांता अस्पताल में एडमिट कराया गया। यहां से उन्हें रविवार को छुट्टी दे दी गई। बता दें कि कोरोना संकटकाल में स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद पुलिस आयुक्त लगातार काम कर रहे हैं। जिसकी वजह से उनके बीपी बढ़ जाने से तबीयत खराब हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक, कमिश्नर की हालत ठीक है। इस खबर की पुष्टि सीएमओ लखनऊ ने की है।
मेदांता अस्पताल के डायरेक्टर डॉ राकेश कपूर का कहना है कि पुलिस कमिश्नर की अब तक की सारी रिपोर्ट सामान्य हैं। कुछ टेस्ट और रिपोर्ट एमआरआई की रिपोर्ट देर रात तक आई, उसके आधार पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। बता दें कि पुलिस कमिश्नर शनिवार की शाम में स्मार्ट सिटी योजना की एक बैठक में शामिल होने की स्मार्ट सिटी के तब तक गए थे इस बैठक में मंडलायुक्त और जिलाधिकारी सहित अन्य अफसर मौजूद थे बैठक के दौरान वह जाने का छेद हो गए इससे वहां हड़कंप मच गया उनको पौराणिक इलाज के लिए मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पुलिस कमिश्नर सुजीत कुमार पांडेय एक बैठक दौरान अचानक बेहोश हो गए। इस घटना के बाद बैठक में मौजूद लोग घबरा गए। डॉक्टरों की टीम सुजीत पांडेय का सैंपल कोविड-19 जांच के लिए भेजने पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि शनिवार की शाम लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर एक बैठक में हिस्सा ले रहे थे। इसी दौरान वे अचानक बेहोश हो गए। मेदांता अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि बीपी और शुगर लेवल गिरने की वजह से वे बेहोश हुए थे। फिलहाल वे पूरी तरह ठीक हैं। डॉक्टरों की एक टीम उनकी देखरेख कर रही है।
मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ राकेश कपूर ने बताया कि वे अभी ठीक हैं और उनका एमआरआई करायाा गया है। उन्होंने कहा कि अभी उनके स्वास्थ्य की निगरानी की गई। इसके बाद सुबह उन्हें डिस्चार्ज किया गया। पुलिस महकमे के अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत पूरी तरह ठीक नहीं है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण वे लगातार काम कर रहे हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले 21 हजार को पार गए हैं और राज्य में करीब 650 लोग इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं।