– कोरोना जागरूकता पर प्रस्तुत किया कोरोना का क्वारंटाइन नाटक
– राष्ट्र के निर्माण में एनएसएस स्वयंसेवकों की भूमिका व राष्ट्रवाद पर हुई संगोष्ठी
– ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता के वितरित हुए प्रमाण पत्र महोबा/सन्दीप गुप्ता। वीरभूमि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्र व छात्रा इकाई के बीच राष्ट्र के निर्माण में विद्यार्थियों की भूमिका व राष्ट्रवाद पर विशाल संगोष्ठी आयोजित हुई कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी राम सुरेश वर्मा महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. लेफ्टिनेंट सुशील बाबू विष्णु गुप्ता. शशांक गुप्ता व राष्ट्रीय सेवा योजना के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार पांडे ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया स्वागत गीत एनएसएस स्वयंसेवी स्नेहा सोनी वरुचि खरे ने प्रस्तुत किया कार्यक्रम की शुरूआत में अंजलि तिवारी ने देशभक्ति गीत “जो शहीद हुए सरहद पर हिंदुस्तान के लिए एक बार सलामी दे दो उन जवान के लिए “प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्र की सच्ची सेवा वह है जो कार्य हमें मिला है उसे सच्ची लगन से करें उन्होंने राष्ट्रवाद की परिभाषा करते हुए कहा जिस देश के नागरिक एक दूसरे से भावनात्मक एकता से जुड़े रहते हैं वही राष्ट्रीयता है। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो, सुशील बाबू ने कहा कि सच्ची राष्ट्रभक्ति के लिए सच्ची भावना और विनम्रता की आवश्यकता होती है उन्होंने पढ़ो, गुणों, आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी प्रो.मधुबाला सरोजिनी, एलसी अनुरागी, शिल्पी राजपूत, आशीष अलबेला ने राष्ट्रवाद पर विचार रखें सोमेंद्र ने देशभक्ति पूर्ण गीत प्रस्तुत किया तबला पर मनीराम जी ने शानदार सहयोग किया। ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता विषय “कोरोना संकट में हमने क्या खोया क्या पाया” के प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित कर प्रोत्साहित किया तथा छात्र-छात्राओं ने नाटक कोरोना का क्वारंटाइन प्रस्तुत कर सभी को जागरुक किया कार्यक्रम का संचालन एन एस एस के जनपद नोडल अधिकारी डॉ संतोष पांडे ने किया इस अवसर पर मोहित मिश्रा सहित राष्ट्रीय सेवा योजना के श्री चंद्र, मनीष सोनी, शशांक चौरसिया, अभिषेक कुमार, नरेंद्र कुमार, मनीष कुमार, धर्मेश वर्मा, कल्पना, स्वेता, नुकरा हाशमी, आकांक्षा प्रजापति, साछी सोनी, आरती सेन, आकांक्षा, दिव्या, स्वाति, यशी, लक्ष्मी विश्वकर्मा, छवि सोनी स्वयंसेवी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।