– नाटक की विषय वस्तु में सामाजिक सरोकारों का होना जरूरी – आर.के. वर्मा
– बोले प्रशिक्षक अभिनेता आरिफ, वर्तमान समय में कहानी के रंगमंच का प्रचलन कोंच/जालौन। भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) कोंच इकाई द्वारा आयोजित सात दिवसीय ऑनलाइन थिएटर कार्यशाला के पांचवें दिन अतिथि वक्ता एवं बुंदेली फिल्मों के अभिनेता आरके वर्मा ने कहा कि नाटक की विषय वस्तु में सामाजिक सरोकारों का होना जरूरी है। हमें उद्देश्यहीन नाटकों से बचना चाहिए।
कार्यशाला प्रशिक्षक, फिल्म एवं टीवी कलाकार आरिफ शहडोली ने रंगकर्मियों से कहानी के रंगमंच पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में लिखी जा रही कहानियों का नाट्य रूपांतरण कर मंचित किया जा रहा है। चूंकि साहित्य और रंगमंच समाज के दर्पण हैं अत: कहानी के रंगमंच की वर्तमान समय में अत्यंत प्रासंगिकता है। हमें सम सामयिक विषयों पर नाटक का मंचन करना चाहिए ताकि जनता नाटक और पात्रों से स्वयं को जोड़ सके। उन्होंने रंगकर्मियों को कहानी को नाटक में बदलने की प्रक्रिया के विषय में अवगत कराया तथा प्रतिभागियों से उनकी मनपसंद कहानी का पाठ भी कराया। संचालन कार्यशाला संयोजक एवं इप्टा कोंच के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद नईम बॉबी ने किया। अतिथियों का स्वागत इप्टा कोंच के संरक्षक अनिल कुमार वैद ने किया एवं पारसमणि अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया। कार्यशाला का प्रारंभ रंगकर्मियों द्वारा इप्टा गीत ‘बजा नगाड़ा शांति का, शांति का, शांति का की प्रस्तुति से हुआ। रंगकर्मी युनूस मंसूरी व ट्रिंकल राठौर ने जनगीत प्रस्तुत किया। कार्यशाला में इप्टा कोंच, झांसी, उरई, छतरपुर के रंगकर्मियों ने सहभागिता कर रंगकर्म के गुर सीखे।