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दुकानदारों नेे काटा बबाल, बोले या तो मेरी भी खुलेगी या फिर सभी दुकानें बंद होंगी

कोविड संक्रमित दवा विक्रेता के गिर्द बनाए गए कंटेनमेंट एरिया को लेकर बिफरे दुकानदार
प्रशासन ने किसी भी तरह के समझौते से किया इंकार, बढाया एरिया
कोंच/जालौन। एक दिन खुलने के बाद दूसरे ही दिन फिर से बाजार बंद हो जाने से बिफरे सर्राफा बाजार और मानिक चौक के दुकानदारों ने शनिवार की सुबह जमकर बबाल काटा। प्रशासन द्वारा बनाए गए कंटेनमेंट जोन से रामगंज इलाके को बाहर कर देने पर ऐतराज जताते हुए दुकानदारों ने कहा कि या तो उनकी भी दुकानें खुलेंगी या सभी बंद होंगी। प्रशासन ने उनकी दुकानें खुलने देने की मांग पर किसी भी प्रकार का समझौता करने से साफ इंकार करते हुए कंटेनमेंट जोन का एरिया और बढा दिया है। इसी के साथ एसडीएम अशोक कुमार ने पालिका को कोविड संक्रमित के घर से ढाई सौ मीटर एरिया नाप कर वेरीकेटिंग कराने के निर्देश दे दिए हैं। दरअसल, शुक्रवार को कस्बे के बीच बाजार में रहने बाले एक दवा विक्रेता के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद जो कंटेनमेंट जोन प्रशासन ने बनाया था उसमें दवा बाली गली से लेकर बाजार बाली सब्जी मंडी, वर्तन बाजार, मानिक चौक, सर्राफा बाजार तथा रामगंज के मुहाने तक का एरिया सील करा दिया था। रामगंज बाजार को प्रशासन ने इस लिए कंटेनमेंट जोन से बाहर रखा था ताकि मुख्य रोड होने के कारण लोगों का आवागमन बाधित न हो और उस रोड पर पडऩे बाली जो दुकानें हैं उनके खुले रहने से लोगों का थोड़ा बहुत काम चलता रहेगा। सर्राफा और मानिक चौक बाजारों को यही बात अखर गई और शनिवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में जुटे दुकानदार इस बात को लेकर बबाल काटने लगे कि पूरे कोंच के कंटेनमेंट जोन बनने के कारण पंद्रह दिन बाद जैसे तैसे तो शुक्रवार को बाजार खुला था और एक ही दिन बाद फिर से चौदह दिनों के लिए दुकानों में ताले लटकाने की नौबत बन आई। मौके पर पहुंचे एसडीएम अशोक कुमार और पुलिस बल के साथ पहुंचे कोतवाल इमरान खान ने दुकानदारों को समझने का काफी प्रयास किया लेकिन दुकानदार बोले कि या तो उनकी भी दुकानें खुलेंगी या सभी की बंद होंगी। वार्ता में जब कोई नतीजा नहीं निकलता दिखा तो प्रशासन ने ढाई सौ मीटर नाप करके पालिका को उसी हिसाब से वेरीकेटिंग्स लगाने के निर्देश दे दिए। हालांकि पालिका ने अभी रामगंज में वेरीकेटिंग नहीं लगाई थी लेकिन समझा जा रहा है कि रात में शायद उस इलाके को भी सील कर दिया जाएगा। इसके बाद कस्बे की खुली रह गई एकमात्र सड़क के भी बंद होनेे की नौैबत बन गई है। इस दौरान ईओ नगर पालिका बुद्घिप्रकाश व आरआई सुनील यादव भी मौजूद रहे।
प्रशासन का उदारवादी रवैय्या नहीं भाया लोगों को – एसडीएम
इस पूरे मामले को लेकर जब एसडीएम अशोक कुमार का पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उनका कहना था, नियम के मुताबिक कोरोना संक्रमित व्यक्ति के घर से ढाई सौ मीटर त्रिज्या में पडऩे बाले एरिया को कंटेनमेंट जोन बनाया जाता है लेकिन जवाहर नगर में कंटेनमेंट जोन बनाने में प्रशासन ने थोड़ा उदारवादी रवैय्या अपना कर रामगंज इलाके को इसलिए जोन से बाहर कर दिया था ताकि लोगों का थोड़ा बहुत काम चलता रहे और नगरवासियों का आवागमन भी बाधित न हो। जिस इलाके में दुकानें बंद हो गई हैं वे चाहते हैं कि उन्हें रेड जोन होने के बाबजूद दुकानें खोलने दी जाएं लेकिन प्रशासन इसकी इजाजत नहीं दे सकता है।

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