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सत्ता की हनक दिखाकर अवैध मिट्टी खनन जोरों पर

मिट्टी माफिया ने पत्रकारों को दी जान से मारने की धमकी
पत्रकारों ने एसडीएम को दिया शिकायती पत्र
जालौन। पूरे बुंदेलखंड में अवैध मिट्टी खनन और बालू खनन के बद से बदनाम हो चुका जनपद जालौन अब किसी और परिचय का मोहताज नहीं है। कभी समाजवादियों के कारनामों को लेकर आवाज उठाने वाली सत्ताधारी पार्टी भी अब इसी दिशा में चल रही है। सत्ता की एेसी हनक शायद ही कभी किसी ने देखी हो। हालात इतने बुरे हो गए हैं कि जनसेवा भूल पेट पूजा और धन पूजा में नेता लिप्त हो गए है जहां भी नजर डालो हर जगह अवैध कार्यों में कोई न कोई सत्ताधारी की संलिप्तता सामने आ जाएगी। इस समय अवैध तरीके से बालू और मिट्टी खनन से सत्ताधारियों का मोहभंग नहीं हो पा रहा है।
इस अवैध खनन को पुलिस की मौन स्वीकृति भी है जिसके चलते लाखों रुपए राजस्व का नुकसान प्रदेश सरकार को हो रहा है। सबकुछ जानकर और सबूतों को देखकर भी प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई करने से पीछे हट रहे हैं। अब तो गुर्गे पत्रकारों पर इतने हमलावर हो गए कि चौथे स्तंभ को ही जान से मारने की धमकी देने लगे जिसकी शिकायत भी पत्रकारों ने आलाधिकारियों से की है। अब देखना यह है कि मिट्टी माफिया और उसके गुर्गों पर पुलिस क्या कार्रवाई करती है।
जालौन में इस समय जेसीबी मशीनों से रात के अंधेरे में धरती को नेस्तनाबूत कर मिट्टी खनन किया जा रहा है। अब आम इंसान की तो हिम्मत नहीं है कि वह अवैध काम कर सके क्योंकि संभ्रांत इंसान अगर इस काम को करेगा तो उसको जेल की हवा खानी पड़ेगी जिसके चलते सत्ता का सहारा लेकर कुछ छुटभैया नेता जो कि बड़े नेताओं के साथ घूमकर अपना भौकाल बनाए रहते हैं वह इस काम को बड़े आराम से कर रहे हैं और जब पुलिस को मालूम चलता है तो पुलिस भी मौन रहती है।
कुछ एेसा ही नजारा बिरियाखेड़ा मंदिर व हुल्की माता मंदिर के पास देखा जा सकता है जहां पर कृषि योग्य जमीन को मिट्टी माफिया बंजर करने पर उतारू हैं। दर्जनों ट्रैक्टरों में मशीनों से मिट्टी खनन करके बाजार में बेची जा रही है। जब इस अवैध काम की भनक मीडिया को मिली तो चौथे स्तंभ के पत्रकार समाचार कवरेज को पहुंचे जहां पर सत्ताधारी छुटभैया नेता के गुर्गों ने पत्रकारों को घेर लिया और अभद्रता करते हुए कैमरे छीनने का प्रयास किया। मिट्टी खनन कर रहे गुर्गों ने पत्रकारों को ये भी धमकी दे डाली कि अगर खबर को प्रकाशित किया तो अंजाम बहुत बुरा होगा।
दबंगों की धमकी से भयभीत पत्रकारों ने प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायती पत्र सौंपा और कार्रवाई की मांग की तो वहीं मुख्यमंत्री को भी शिकायती पत्र ट्वीट करके शिकायत की है। अब देखना यह है कि सत्ताधारी के छुटभैया नेता और गुर्गों पर पुलिस क्या कार्रवाई करती है या फिर इसी तरह से सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि को बंजर में तब्दील कर सरकार की नियमावली को ताक पर रखकर अपने रसूख के मुताबिक काम होता रहेगा।
ये मेरी साइड है :
जब मिट्टी के अवैध खनन को कवरेज करने के लिए पत्रकार गए तो एक पत्रकार के पास एक छुटभैया नेता का फोन आया और उसने स्वीकार किया कि जिस साइड ओर तुम गए हो वो मेरी ही है। छुटभैया नेता जो कि हर समय पाला बदलता रहता है और जो भी पावर में होता है उसके साथ घूमता रहता है इसी का पूरा फायदा उठाकर अवैध कामों को अंजाम देता है। हालांकि उस छुटभैया नेता के फोन ने ये तो साबित कर ही दिया कि उसी के संरक्षण में अवैध मिट्टी खनन का काम चल रहा है।
पहले दूसरे छुटभैया नेता का था जलवा :
जिस स्थान पर अवैध तरीके से मिट्टी का खनन किया जा रहा है उस जगह का सरताज पहले दूसरा नेता था लेकिन उक्त नेता एक मामले में फंस गया जिसके चलते सत्ताधारी आकाओं ने उक्त जमीन से उसका साम्राज्य छीनते हुए दूसरे छुटभैया नेता को सौंप दिया।
कोतवाल की न नुकुर से पत्रकारों में आक्रोश :
मिट्टी माफिया के खिलाफ पूरे सबूत देने के बाद भी जालौन कोतवाल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने से आखिर पीछे क्यों हट रहे हैं जबकि प्रदेश सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि चौथे स्तंभ के ऊपर हमला किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पत्रकारों द्वारा मिट्टी माफिया की धमकी और जान से मारने की धमकी भरा वीडियो दिखाने के बाद भी पुलिस मामले को रफादफा कर रही है जिसको लेकर पत्रकारों में आक्रोश है।

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