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अस्पताल व जांच केंद्रों पर हो संक्रमण रोकने के पर्याप्त इंतजाम

बिना प्रशिक्षण के न खोलें अस्पताल या जांच केंद्र, होगी कार्रवाई
उरई/जालौन। निजी अस्पतालों को खोलने की अनुमति शासन से भले ही मिल चुकी है लेकिन अस्पताल और जांच केंद्र संचालकों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि वह अपने संस्थान में संक्रमण रोकने के पर्याप्त उपाय सुनिश्चित करें। इसके लिए पहले सीएमओ आफिस में होने वाली संक्रमण नियंत्रण की ट्रेनिंग लेनी होगी और उसके बाद बताए गए उपाय का पालन करना होगा। इसके बाद ही अपना अस्पताल, पैथालोजी, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड सेंटर खोलें। बिना ट्रेनिंग के अस्पताल खोलने पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अल्पना बरतारिया ने बताया कि बिना डाक्टर के पर्चे के किसी भी अल्ट्रासाउंड केंद्र, पैथालाजी और एक्सरे सेंटर पर जांच नहीं होगी। ऐसे प्रैक्टिशनर जो इंफेक्शन कंट्रोल की ट्रेनिंग ले चुके है। उनके द्वारा ही संस्तुति किए गए पर्चे पर ही जांच के निर्देश दिए गए हैं।
जनपदीय परामर्शदाता क्वालिटी एश्योरेंस डा. अरुण कुमार राजपूत के अनुसार सीएमओ कार्यालय स्थित अचल प्रशिक्षण केंद्र में सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए शिफ्ट वार निजी नर्सिंग होम संचालकों, मेडिकल प्रैक्टिशनर, पैथालाजी संचालक, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड संचालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बताया गया है कि किस तरह संक्रमण रोकने के उपाय सुनिश्चित करें। इस समय कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है। ऐसे में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्हें बताया गया है कि किसी भी मरीज या व्यक्ति के अस्पताल या जांच के लिए आने पर सबसे पहले उनके हाथ धुलवाना सुनिश्चित किया जाए। इसके बाद ट्रायज एरिया में उसकी स्क्रीनिंग की जाए। इसके बाद यदि उसे फ्लू या श्वसन संबंधी किसी तरह की परेशानी का पता चलता है तो तत्काल जिला अस्पताल जांच के लिए भिजवाया जाए।
हर शिफ्ट में परिसर में लगाया जाए पोछा और किया जाए सैनिटाइज :
प्रत्येक ड्यूटी शिफ्ट में सोडियम हाइपोक्लोराइड की एक प्रतिशत मात्रा पानी में मिलाकर पूरे अस्पताल परिसर में पोछा लगवाया जाए और हर शिफ्ट में अस्पताल या सेंटर को सैनिटाइज किया जाए। इसी तरह अस्पताल या जांच केंद्र पर बिछाई जाने वाली चादरों का भी प्रबंधन किया जाना है। इस्तेमाल के बाद पहले चादरों को सोडियम हाईपोक्लोराइड सोल्यूशन में तीस मिनट रखा जाए। इसके बाद उन्हें धोबी को धुलने के लिए भेजी जाए।
नार्मल पीपीई किट पहनकर काम करें स्टाफ :
ड्यूटी के दौरान स्टाफ को नार्मल पीपीई किट पहननी चाहिए, जिसमें कैप, चश्मा, मास्क, फेस शील्ड, डिस्पोजल, एप्रिन, ग्लब्ज, शू कवर पहनकर काम करना है। इसकी अस्पताल या जांच केंद्र में पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए। बिना प्रोटेक्शन किट के काम नहीं लिया जाना चाहिए।
जिले में पंजीकृत नर्सिंग होम और जांच केंद्र
नर्सिंग होम            – 24
पैथालाजी सेंटर       – 29
अल्ट्रासाउंड सेंटर     – 18
एक्सरे सेंटर            – 10
ऐलोपैथिक डाक्टर    – 32
दंत चिकित्सक        – 25

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