हरदोई/रितेश मिश्रा। जिला कोषागार कार्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से खजाने से पांच करोड़ से अधिक की धनराशि का बंदर वाट कर लिया गया परंतु उच्च अधिकारियों के कान पर जू तक नहीं रेगी तथा कई बरसो तक मामले को दबाये रखा गया ।
जिला कोषागार कार्यालय में वर्ष 2009 से 2015 तक बड़े पैमाने पर फर्जी पेंशनर्स बनाया गया दर्जनों लोगों के खाते में लाखों रूपये की धनराशि भेज दी गई । जिन खातों में धनराशि भेजी गई वो निकाल भी लिया गया जब ये मामला वर्तमान टीओ कंचन भारती के संज्ञान में आया तो उन्होंने ने अपर निदेशक कोषागार ब जिला अधिकारी को अवगत कराया तथा अवगत के बाद भी लगभग एक वर्ष तक उक्त मामले की जांच होती रही तथा दो मामले की तीन रिपोर्ट थाना सदर कोतवाली में दर्ज कराई गई जिनकी जांच निरीक्षक सुरेन्द्र कुमार सोनकर की जा रही हैं। रिपोर्ट में नामजद चार अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका हैं जिसमें राकेश सिंह, उनकी पत्नी मधुलता, दलवीर, अशोक यादव शामिल हैं इस घोटाले में टीओ दीपांकर शुक्ल, देवी प्रसाद व मुकंदी लाल के विरुद्ध सबूत एकत्र की जा चुके हैं तथा कई बैंक प्रबंधकों पर भी गाज गिरना तय है जिसमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया प्रमुख हैं अभी तक कि जांच में 5 करोड़ से ऊपर का मामला सामने आया है और इससे अधिक बढ़ने की संभावना हैं मज़ेदार बात ये हैं फर्जी लोगों को पेंशनर बना कर उन्हें लाखों रूपये से लाभान्वित करने का खेल 6 वर्ष तक राकेश सिंह द्वारा चलाया जाता रहा परन्तु बेपरवाह नौकर शाह अधिकारियो इसकी भनक तक नहीं लगी ऐसा कैसे माना जा सकता हैं इस गोरखधंधे में अधिकारियों को भी चौथ दी जाती रही राकेश सिंह ने अपनी पत्नी के खाते में भी लाखों रूपये की धनराशि भेजी गई जब जाँच हुई तो पता लगा इसी धनराशि से राकेश ने दर्जनों बैनामे भी कराये हैं जिसकी बर्तमान कीमत दो करोड़ से ऊपर की हैं जिला कोषागार में बड़े इस्तर पर जाँच की जा रही हैं जिसमें घोटाले की परत दर परत खुलती जा रही हैं। तेज़ तर्रार निरीक्षक सोनकर निष्पक्ष ढंग से। मामले की विवेचना कर और भी अभियुक्तों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रहे हैं इसके डर से कई अधिकारी उच्च न्यायालय की शरण में भी चले गए हैं।