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बुन्देलखण्ड दलित अधिकार मंच ने अमेरिका के राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र पर दिया अपना समर्थन

बुंदेलखंड से 1461 लोगों ने भेजा समर्थन संदेश
उरई/जालौन। अमेरिका में अश्वेत (जार्ज फ्लॉयड) की मौत पर बुन्देलखण्ड दलित अधिकार मंच ने श्रद्धांजलि दी वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को भेजे गये संदेश (पत्र) पर बुन्देलखण्ड के हजारों लोगों ने अपना समर्थन संदेश दिया है एवं जार्ज फ्लॉयड की मौत को बेहद निंदनीय बताया है। मंच के साथियों ने श्रद्धांजलि देते हुये इस घटना को विनाशकारी बताया और इसकी निंदा की मालूम हो कि 25 मई को पुलिस हिरासत में फ्लॉयड की मौत हुई थी।
बुन्देलखण्ड दलित अधिकार मंच के संयोजक कुलदीप कुमार बौद्ध ने कहा कि जॉर्ज फ्लायड की हत्या ने दुनिया भर की पीड़ित कौमों को उनकी पीड़ा का अहसास करा दिया है। नतीजतन फ्लायड की हत्या के बाद शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शनों का दायरा अमेरिका की सरहदों को तोड़कर विश्वव्यापी होता जा रहा है। दुनिया के तमाम देशों में लोग ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन को आगे बढ़ाने में जुट गए हैं। इसके तहत इस घटना के दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी अमेरिका सहित कई देशों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।
दलित फाउंडेशन के संस्थापक मार्टिन मेकवान ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को लिखा खुला पत्र :
मार्टिन मकवाना ने ट्रंप को खुला पत्र जारी करके कहा कि जार्ज फ्लोइड का जीवंत (लाईव) विडीयो देखकर आज पूरे अमेरिका के 75 से भी अधिक शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कई शहरों को सेना के अधीन होने के बावजूद और कर्फ्यू लगा हुआ होने के बावजूद भी हजारों लोगों की भीड़, महिला, पुरुषों और बच्चों के साथ-साथ अश्वेत और श्वेत सड़कों पर उतर आए हैं। दो हाथ जोड़कर माफी मांगने और जो गलत हुआ है उसके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, अमेरिकी राष्ट्रप्रमुख उन्हें सैन्य हमलों और ऐसे हथियारों के साथ सबक सिखाने की बात कर रहे हैं, जो लोगों ने पहले कभी न देखे हो ! हमें सहजता से ऐसा सवाल होता है कि हमें अमेरिका से क्या लेना-देना है? इस लेन-देन की बात, इसके साथ संलग्न डोनाल्ड ट्रम्प को लिखे इस खुले पत्र में कही गई है। इस पत्र में बताया गया है कि कैसे अंबेडकर जातिवाद, नश्लवाद और रंगभेद के प्रश्न को एकसाथ जोड़कर उसके खिलाफ लड़ना चाहते थे।
दुनिया में सबसे अमीर और सबसे विकसित अमेरिका देश में अश्वेत लोगों की दुर्दशा हमने टीवी स्क्रीन पर देखी है। ठीक उसी समय पिछले एक महीने से विकासशील भारत और दुनिया के आधुनिक सैन्य हथियारों से लैस भारत में सड़को पर पैदल चलते और सैंकड़ों अपने वतन पहुंचने के लिए कोशिश करते महिलाओं और पुरुषों, बच्चों एवं प्रसूती के नौवें महिने भी चलती महिलाओं को हम देख रहे हैं, भारत में मानवाधिकार के मुद्दों को उठाने वालों को ‘अनलोफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट’ (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत अपराध के किसी भी सबूत के बिना कैद किए जा रहे हैं। इसमें प्रो. आनंद तेलतुम्बडे भी शामिल हैं।
कोरोनो के कारण आम लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है ऐसे माहौल में हम कोई सार्वजनिक कार्यक्रम करने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि अहमदाबाद स्टेडियम में डोनाल्ड ट्रम्प को बधाई देने के लिए और एक लाख लोगों को इकट्ठा करने के लिए जो बेहिसाबी धन इस्तेमाल किया गया ऐसा धन हमारे पास नहीं है। इस स्थिति में इस पत्र के माध्यम से जनता को जागरूक करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक खुला पत्र लिखकर दिनांक 10 जून, 2020 को जॉर्ज फ्लॉइड का अंतिम संस्कार के दिन शाम 7 बजे अपने घर पर दिया या मोमबत्ती जलाकर हम उन सभी लोगों को याद कर रहे हैं, जिसका इस दुनिया में शोषक और अमीर लोग द्वारा अपनी सत्ता के बलबूते पर लगातार अपमान किए जा रहे हैं इस खुले पत्र में हजारों लोगों ने अपना नाम जोड़कर खुले पत्र का समर्थन किया और कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि भी अर्पित किया। सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक पर लोग इस घटना का विरोध कर रहे हैं और जॉर्ज को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

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