हरदोई/रितेश मिश्रा। आत्मसन्तुष्टि मिशन के संरक्षक राजवर्धन सिंह राजू ने अपने सामाजिक सहकार और लोकमंगल कार्यों को लेकर लगातार चर्चा में बने हुए हैं लॉकडाउन में जरूरतमंदों को हरसंभव मदद पहुंचाने से लेकर लावारिश शवों के अंतिम संस्कार के साथ विक्षिप्त और मानसिक मंदित मरीजों की लगातार सेवा सुश्रुषा के जरिये संगठन के राष्ट्रीय संयोजक श्री राजवर्धन सिंह ‘राजू’ ने काफी ख्याति अर्जित कर ली है। इसके लिए संगठन के राष्ट्रीय संयोजक और हरदोई जनपद के लोकप्रिय समाजसेवी श्री राजवर्धन सिंह ‘राजू’ की कर्मठता एवं सक्रियता कार्यकर्ताओं में भी ऊर्जा का संचार करती रहती है।
अभी दो दिन पहले यानी शनिवार को एक और सराहनीय उपलब्धि संगठन के खाते में दर्ज हो गयी जब तीन महीने पहले खोई बच्ची को उसके परिवारीजनों को सौंपकर उनके चेहरे की मुस्कान लौटाई गई। कानपुर के धुमनी बाजार निवासी श्री सुरेश चंद्र जायसवाल की बेटी कंचन जायसवाल 29 मार्च 2020 को घर से कहीं लापता हो गई थी। परिवारीजनों ने काफी खोजबीन करने के बाद इसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस के अलावा परिवारीजनों ने निजी प्रयासों से बच्ची को तलाशने का भरसक प्रयास किया।
हरदोई के महिला थाने को बच्ची कंचन जायसवाल 31 मार्च 2020 को घूमते हुए मिली थी। महिला थाने की पुलिस ने उसी दिन बच्ची कंचन को धर्मशाला रोड पर नटबीर पुलिया स्थित आत्मसन्तुष्टि मिशन के कार्यालय पर पहुंचाया गया था। तब से कंचन मिशन के पुनर्वास केंद्र पर सुरक्षित रह रही थी। केंद्र पर उसको चिकित्सकीय परामर्श, मेडिटेशन और काउंसलिंग के जरिये स्वास्थ्य लाभ दिया जा रहा था। धीरे-धीरे बच्ची की हालत में काफी सुधार होने लगा। बच्ची ने पूरी तरह स्वस्थ होने पर खुद के परिवार से मिलने की इच्छा प्रकट की गई। उसने बताया कि वह कानपुर के धुमनी बाजार की रहने वाली है। इसके बाद मिशन की ओर से काफी प्रयास के बाद परिवारीजनों को खोजकर उनकी बच्ची के सही-सलामत होने की जानकारी दी गई।
परिवारीजनों को सहसा मिशन की इस सूचना पर विश्वास नहीं हुआ, वह अगले ही दिन यानी 7 जून को हरदोई स्थित आत्मसन्तुष्टि मिशन के कार्यालय पहुंचे। बेटी को पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित पाकर सुरेश चंद्र जायसवाल सहित अन्य परिवारीजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सबने संगठन के कार्यकर्ताओं और विशेष रूप से समाजसेवी श्री राजवर्धन सिंह ‘राजू’ के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए आभार जताया। इस तरह करीब तीन महीने वाद कंचन अपने घर सुरक्षित पहुंच गई। संगठन को सामाजिक कार्यों के लिए अब तक सैकड़ों प्रादेशिक और राष्ट्रीय सम्मानों-अवॉर्डों से अब तक नवाजा जा चुका है।